मौलासर

डीडवाना-कुचामन जिला, राजस्थान, भारत का गाँव

मौलासर (Maulasar) भारत के राजस्थान राज्य के डीडवाना-कुचामन जिले में स्थित एक कस्बा (गांव)है।[1][2] यह डीडवाना-कुचामन जिले की तहसील भी है।

मौलासर
Maulasar / Molasar
मौलासर is located in राजस्थान
मौलासर
मौलासर
राजस्थान में स्थिति
निर्देशांक: 27°18′N 74°44′E / 27.30°N 74.73°E / 27.30; 74.73निर्देशांक: 27°18′N 74°44′E / 27.30°N 74.73°E / 27.30; 74.73
देश भारत
प्रान्तराजस्थान
ज़िलाडीडवाना ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल6,920
भाषा
 • प्रचलितराजस्थानी, मारवाड़ी, हिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

श्री बालाजी महाराज मंदिर

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मौलासर में स्थित श्री बालाजी महाराज मंदिर 1200 से अधिक वर्ष प्राचीन हैं और बालाजी महाराज का स्थापित श्री विग्रह एक शिला के रूप में स्थित हैं जो स्वयंभू हैं। रोचक बात यह है कि यहां स्थापित मूर्ति स्वयंभू *दक्षिणमुखी हनुमान* के रूप में विराजित हैं और मंदिर के मुख्य गर्भगृह के ऊपर एक पीपल का वृक्ष हैं जो वेद-शास्त्रों के अनुसार *अश्वथ मारुति* को दर्शाता हैं। सप्ताह में दो वार -मंगलवार और शनिवार - तथा प्रत्येक माह की पूर्णिमा हनुमानजी को ही समर्पित हैं। प्रत्येक पूर्णिमा को श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर भाव विभोर हो जाते हैं। चैत्र,श्रावण,आसाढ़ और फाल्गुन पूर्णिमा में विशेष मेले लगते हैं। और श्रावण माह में बड़ा मेला लगता हैं जो एकादशी से पूर्णिमा {रक्षाबंधन} तक चलता हैं। दशहरा पर्व को इनके दर्शन का विशेष महत्व होता है। क्योंकि हनुमानजी ने सारे अपने रामकाज दक्षिण की ओर मुख करके अर्थात लंका में किए थे और दक्षिण यमराज की भी दिशा हैं इसलिए इनके दर्शन भक्तों को हर क्षेत्र में विजय दिलाते हैं और उनके समस्त रोगों का नाश करके काल का भय दूर करते हैं। यहां प्रत्येक बार भक्तों की सच्चे हृदय से की गई मनोकामनाएं पूर्ण होती देखी गई हैं। दक्षिण दिशा काल यानी यमराज की दिशा मानी जाती है। हनुमानजी रुद्र यानी शिवजी के अवतार हैं, जो काल के नियंत्रक हैं। इसलिए दक्षिणमुखी हनुमान की पूजा करने पर मृत्यु भय और चिंताओं से मुक्ति मिलती है।

इन्हें भी देखें

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  1. "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
  2. "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990