मौसम परियोजना (Project Mausam) भारत के संस्कृति मंत्रालय एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के साथ सम्मिलित सांस्कृतिक एवं आर्थिक परियोजना है जिसका लक्ष्य हिन्द महासागर के देशों को आपस में जोड़ना है। इस परियोजना का लक्ष्य हिन्द महासागर की सीमा में स्थित ३९ देशों को सामुद्रिक एवं आर्थिक रूप से पुनः जोड़ना है।

'मौसम' परियोजना के लिए 6,00,39,297 रुपये (अर्थात वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2,80,95,532 रुपये और वित्त 2019-20 के लिए 3,19,43,765 रुपये) की धनराशि अनुमोदित एवं आवंटित की गई है। वर्ष 2017-18 के साथ-साथ वर्ष 2018-19 के पहले तीन महीनों के दौरान परियोजना के लिए व्‍यय राशि 16,75,614 रुपये है।

इस परियोजना का उद्देश्‍य हिंद महासागर में परस्‍पर सांस्‍कृतिक, वाणिज्यिक और धार्मिक संबंधों की विभिन्‍नता के प्रलेखन के लिए पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक अनुसंधान का परितुलन करते हुए बहुआयामी हिंद महासागर 'विश्‍व' की खोज करना है। परियोजना का मुख्‍य उद्देश्‍य 'मौसम' परियोजना के अंतर्गत चिन्हित स्‍थानों को यूनेस्‍को की विश्‍व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए परा-राष्‍ट्रीय नामांकन के रूप में शामिल करना है।

वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के लिए कार्य योजना शुरू कर दी गई है जिसमें यूनेस्‍को मुख्‍यालय में अंतर्राष्‍ट्रीय कार्यशाला, समारोह का आयोजन करना, वेब प्‍लेटफॉर्म का सृजन, क्षेत्रीय प्रशि‍क्षण कार्यक्रम तथा सीमापार नामांकन के लिए अस्‍थायी सूची बनाना जैसे कतिपय कार्यकलाप शामिल हैं।

सन्दर्भ संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें