म्हार भाषा
म्हार भाषा (जो भाषा के नाम का सही उच्चारण है) या ह्मार भाषा (Hmar language) तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की कुकी भाषा शाखा की मिज़ो उपशाखा की एक भाषा है। इसे बोलने वाले भी ह्मार लोग कहलाते हैं। ह्मार पूर्वोत्तरी भारत में मिज़ोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, असम व मेघालय में बिखरे समुदायों में बसे हुए हैं, लेकिन इतने विशाल भूक्षेत्र में फैले होने के बावजूद इनकी ह्मार उपभाषाएँ आपस में बख़ूबी बोली-समझी जा सकती हैं। कुछ हद तक यह अन्य कुकी भाषाओं को बोलने वालों के साथ भी समझी जा सकती है। बांग्लादेश के चटगाँव पहाड़ी क्षेत्र में भी कुछ ह्मार बोलने वाले रहते हैं।[1][2]
म्हार (मार) | |
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Hmar | |
बोलने का स्थान | भारत |
तिथि / काल | २००१ जनगणना |
क्षेत्र | मिज़ोरम, मणिपुर व असम |
समुदाय | म्हार लोग |
मातृभाषी वक्ता | ८३,४०० |
भाषा परिवार |
चीनी-तिब्बती
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उपभाषा | (कोई नहीं) |
लिपि | रोमन |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | hmr |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Mizoram: Past and Present," Hargovind Joshi, Mittal Publications, 2005, ISBN 9788170999973
- ↑ "Mizoram: A Study in Comprehensive Geography," Rintluanga Pachuau, Northern Book Centre, 2009, ISBN 9788172112646