यूजीन पेत्रोविच चेलिशेव
यूजीन पेत्रोविच चेलिशेव (रूसी: Евгений Петрович Челышев, 27 अक्टूबर 1921 - 13 जुलाई 2020) एक रूसी शिक्षाविद् और सार्वजनिक हस्ती रहे थे।[1][2]
चेलिशेव स्वयं को "आचार्य चेलिशेव" कहलाए जाना पसन्द करते थे। अपने सम्वाद में वे बड़ी तेज़ी से हिन्दी-रूसी-अंग्रेज़ी भाषाओं में बारी-बारी से बोलते थे। वे स्वामि विवेकानन्द के प्रशंसक थे। 2002 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2004 में उन्हें साहित्य अकादमी फ़ेलोशिप प्राप्त हुई जो एक पहले रूसी नागरिक को दी गई थी। वे इंडियन फ़िलोसॉफ़िकल सोसायटी और एशियाटिक सोसायटी के सदस्य थे। उनकी रचनाओं में निम्न लिखित शामिल थे:
- आधुनिक हिन्दी काव्य (Современная поэзия хинди), मॉस्को, 1965
- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’. (Сурьякант Трипатхи Нирала) मॉस्को, 1978
- सुमित्रानन्दन पंत : हिमालय की गायिका (Сумитранандан Пант. Певец Гималаев.) मॉस्को, 1985
- भारतीय साहित्य कल और आज (Индийская литература вчера и сегодня.) मॉस्को, 1988
- चुनिन्दा कृतियाँ (Избранные труды. В 3 томах.) मॉस्को, 2002 [3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "भारतीय साहित्य में योगदान के लिए ई.पी. चेलीशेव के 90वें वर्षगांठ पर उनकी सराहना". Pravasi Duniya. मूल से 15 जुलाई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 May 2013.
- ↑ Vivekananda, Swami (1996). My India : the India eternal (1st संस्करण). Calcutta: Ramakrishna Mission Institute of Culture. पृ॰ 234. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-85843-51-1.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 जुलाई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 जुलाई 2023.
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