ये दिल

2003 की तेजा की फ़िल्म

ये दिल 2003 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।[1] यह तेजा द्वारा निर्देशित है। इसमें तुषार कपूर और अनीता हसनंदानी हैं। यह 2001 की एक तेलुगु फ़िल्म की रीमेक है जिसमें अनीता ही मुख्य हीरोइन थीं।

ये दिल

ये दिल का पोस्टर
निर्देशक तेजा
लेखक तेजा
निर्माता किरण
अभिनेता तुषार कपूर,
अनीता हसनंदानी
छायाकार रवि वर्मन
संपादक शंकर
संगीतकार नदीम-श्रवण
निर्माण
कंपनी
आनंदी आर्ट क्रिएशंस
वितरक गोल्डमाइंस टेलीफिल्म्स
प्रदर्शन तिथियाँ
4 अप्रैल, 2003
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

रवि प्रताप सिंह (तुषार कपूर) एक कॉलेज छात्र है और एक अमीर व्यापारी रघुराज प्रताप सिंह (अखिलेन्द्र मिश्रा) का बेटा है। उसका सबसे अच्छा दोस्त कबीर हमेशा उसकी मदद करता है। रवि अपने पिता के साथ रहता है, क्योंकि उसकी माँ की मृत्यु हो गई थी। वसुन्धरा 'वासू' यादव (अनीता हसनंदानी), एक मध्यमवर्गीय पहलवान मिथुआ यादव (विनीत कुमार) की बेटी है जो उसी कॉलेज में पढ़ती है। वह अपने कई रिश्तेदारों के साथ संयुक्त परिवार में रहती है। रवि खेलों में उत्कृष्ट है, लेकिन शिक्षा में बहुत खराब है। वहीं वसुन्धरा खेलों पर ध्यान न देकर पढ़ाई पर ध्यान देती है। रवि को रघुराज द्वारा उपेक्षित ही किया जाता है और उसका हमेशा व्यवसाय और धन पर ध्यान केंद्रित रहता है। रघुराज को उम्मीद है कि उसका लड़का पढ़ाई में उत्कृष्ट होगा, जिससे वह उसे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल भेज सके। इसी तरह, मिथुआ एक लड़का चाहता था और वासु एवं अपनी पत्नी (चेतना दास) की उपेक्षा करता है।

रवि और वासु एक साथ पढ़ाई शुरू करते हैं और धीरे-धीरे दोस्त बन जाते हैं और अंततः प्यार में पड़ जाते हैं। लेकिन रघुराज उसकी सामाजिक स्थिति के कारण उसे अस्वीकार कर देता है। मिथुआ कॉलेज में कुछ गुंडों को भेजता है जो रवि की पिटाई करते हैं। जवाब में रघुराज पुलिस को जवाबी कार्रवाई करने का आदेश देता है और मिथुआ को पुलिस स्टेशन ले जाया जाता है। रघुराज अपने बेटे के लिए एक "स्वयंवर" की व्यवस्था करता है, जिसमें सभी व्यवसायी और अमीर लोग अपनी बेटियों को भेजते हैं। रवि वासु को आमंत्रित करता है और सार्वजनिक रूप से उसके प्रति अपने प्यार का इज़हार करता है। मिथुआ को पता चलता है कि वह रवि के घर गई थी और वह रघुराज से भिड़ जाता है। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने उनसे कहा कि उन्हें रवि और वासु को अपनी पढ़ाई पूरी होने तक अपने प्यार को रोकने के लिए कहना चाहिए।

इस समझौते के बाद, रवि को मुंबई जाने के लिए और वासु को उसके बुआ के घर जाने के लिए बरगलाया जाता है। दोनों भाग जाते हैं, रवि हैदराबाद चला जाता है और वासु मुंबई चली जाती है। रवि सोचता है कि वासु हैदराबाद में है और उसके घर जाता है, लेकिन गुंडों द्वारा उसकी पिटाई की जाती है। वासु मुंबई जाती है जहाँ उसे पकड़ लिया जाता है। उसे रवि के घर ले जाया जाता है जहां रघुराज वासु को मारने के लिए एक हत्यारे की व्यवस्था करता है। दोनों बच जाते हैं और कबीर और कॉलेज के साथियों की मदद से शादी करने के लिए हैदराबाद लौट आते हैं। मिथुआ अंततः शादी स्वीकार कर लेता है और अपनी बहन चंडी (प्रतिमा काज़मी) को हस्तक्षेप करने से रोकता है। रघुराज को भी हस्तक्षेप करने से रोका जाता है। रवि और वसुन्धरा की शादी होती है और आखिरी दृश्य में कबीर और पूरा कॉलेज उन्हें बधाई देता है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत नदीम-श्रवण द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."चारमीनार की लैला"अभिजीत3:39
2."कॉलेज में"सोनू निगम6:54
3."एक मैं एक तू"अभिजीत, नीरजा पंडित6:40
4."हे क्या लड़की"अभिजीत, कविता कृष्णमूर्ति3:34
5."जानेमन ओ जानेमन"तौसीफ़ अख़्तर, नीरजा पंडित3:03
6."क्यूँ दिल बिछड़े"तौसीफ़ अख़्तर6:26
7."टेलीफ़ोन"अभिजीत, अलका याज्ञनिक5:32
8."तेरा दिलबर"सोनू निगम, अलका याज्ञनिक4:56
9."तेरा दिलबर — दुखी संस्करण"सोनू निगम, अलका याज्ञनिक1:53
10."ये दिल"नदीम सैफ़ी7:26
11."ये दिल थीम — वाद्य संगीत"तौसीफ़ अख़्तर1:42

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "साउथ से लेकर बॉलीवुड और फिर टीवी इंडस्ट्री में मचाया तहलका, कुछ ऐसी है अनीता की कहानी". अमर उजाला. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2024.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें