रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कृतियाँ
रवीन्द्रनाथ ठाकुर का सृष्टिकर्म काव्य, उपन्यास, लघुकथा, नाटक, प्रबन्ध, चित्रकला और संगीत आदि अनेकानेक क्षेत्रों में फैला हुआ है।
उपन्यास
संपादित करेंउपन्यास | रचनाकाल | अन्य तथ्य | हिन्दी अनुवाद |
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करुणा | १८८० | रवीन्द्रनाथ ठाकुर का पहला (लघु) उपन्यास। इसके स्वरूप को लेकर आरंभ में इसके उपन्यास माने जाने पर विवाद था; परंतु बाद में इसे उपन्यास के रूप में ही स्वीकृति मिली। | 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' (सस्ता साहित्य मंडल, नयी दिल्ली से प्रकाशित) के खण्ड-२४ में संकलित। |
बउ-ठाकुरानीर हाट | १८८२ | रवीन्द्रनाथ ठाकुर के प्रथम उपन्यास के रूप में प्रसिद्ध। यशोहर के राजा प्रतापादित्य और चंद्रद्वीप के राजा (जमींदार) रामचन्द्र राय के विवाद को आधार बनाकर लिखित ऐतिहासिक (लघु) उपन्यास। १३१६ बंगाब्द (१९०९ ई॰) में प्रकाशित उनका प्रायश्चित्त नाटक बउ-ठाकुरानीर हाट पर ही आधारित है। प्रायश्चित्त १३३६ बंगाब्द (१९२९ ई॰) में पुनर्लिखित होकर परित्राण नाम से मुद्रित हुआ। | ठकुरानी बहू का बाजार नाम से 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' (सस्ता साहित्य मंडल, नयी दिल्ली से प्रकाशित) के खण्ड-२६ में संकलित। |
'राजर्षि | १८८६ | त्रिपुरा के राजपरिवार के इतिहास को लेकर रचित ऐतिहासिक (लघु) उपन्यास। १२९७ बंगाब्द (१८९० ई॰) में इस उपन्यास के प्रथमांश के आधार पर विसर्जन नामक नाटक की रचना हुई। | 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' (सस्ता साहित्य मंडल, नयी दिल्ली से प्रकाशित) के खण्ड-२३ में संकलित। |
प्रजापतिर निर्बन्ध | १९०१ | हास्यरसात्मक (लघु) उपन्यास। १३११ बंगाब्द (१९०४ ई॰) में रबीन्द्र-ग्रन्थाबली ('हितबादीर उपहार') संकलन में चिरकुमार सभा नाम से प्रकाशित है। बाद में चिरकुमार सभा नाम से इस उपन्यास का नाट्यरूपान्तरण १३३२ बंगाब्द (१९२५ ई॰) में प्रकाशित हुआ। | |
नष्टनीड़ | १९०२ | सामाजिक-मनस्तात्त्विक उपन्यासिका। इस लघु उपन्यास के प्रकाशन से रवीन्द्रनाथ की अति विशिष्ट कथा-यात्रा, बल्कि बाङ्ला साहित्य की ही एक नयी कथा-यात्रा आरंभ हुई। बंगाली उच्च मध्यवर्ग की स्त्रियों की मनोदशा और उसकी विडंबना का इसमें बहुत ही प्रामाणिक और विश्वसनीय चित्र उकेरा गया है। इसका प्रकाशन लम्बी कहानी के रूप में भी होते रहा है। सत्यजीत राय ने सन् १९६४ में इसी कथा पर आधारित फ़िल्म 'चारुलता' बनायी थी। | 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' (सस्ता साहित्य मंडल, नयी दिल्ली से प्रकाशित) के खण्ड-२९ में लम्बी कहानी के रूप में संकलित।[1] |
चोखेर बालि | १९०२ | सामाजिक-मनस्तात्त्विक उपन्यास। रवीन्द्रनाथ के श्रेष्ठ उपन्यास के रूप में प्रसिद्ध। २००३ साल में ऋतुपर्ण घोष ने इस उपन्यास के आधार पर चोखेर बालि चलचित्र का निर्माण किया। | आँख की किरकिरी नाम से साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली से प्रकाशित एवं 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' (सस्ता साहित्य मंडल, नयी दिल्ली से प्रकाशित) के खण्ड-१६ में संकलित। |
नौकाडुबि | १९०६ | सामाजिक उपन्यास। सर्वप्रथम १३१०-११ बंगाब्द में बंगदर्शन पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। | नौका डूबी नाम से 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-१७ में संकलित। |
गोरा | १९१० | महाकाव्यात्मक उपन्यास। रवीन्द्रनाथ टैगोर का दीर्घतम उपन्यास। देश पत्रिका एवं कई अन्य लोगों के विचार से बीसवीं शताब्दी का श्रेष्ठ बाङ्ला उपन्यास। | साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली से प्रकाशित एवं 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-१८ में संकलित। |
घरे बाइरे | १९१६ | राजनैतिक उपन्यास। १९८४ साल में सत्यजित राय ने इस उपन्यास के आधार पर घरे बाइरे चलचित्र का निर्माण किया। | घर और बाहर नाम से 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-१९ में संकलित। |
चतुरंग | १९१६ | सामाजिक-मनस्तात्त्विक (लघु) उपन्यास। रवीन्द्रनाथ के अत्यन्त श्रेष्ठ उपन्यास के रूप में प्रसिद्ध। २००८ साल में सुमन मुखोपाध्याय ने इस उपन्यास के आधार पर चतुरंग चलचित्र का निर्माण किया। | 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-२५ में संकलित। |
योगायोग | १९२९ | सामाजिक-मनस्तात्त्विक उपन्यास। बिचित्रा मासिकपत्र में धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुआ था (आश्बिन, १३३४ - चैत्र, १३३५)। पत्रिका में प्रकाशन के समय नाम था तिन-पुरुष। | 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-२० में संकलित। |
शेषेर कबिता | १९२९ | रोमांटिक-मनस्तात्त्विक काव्यात्मक (लघु) उपन्यास। | आखिरी कविता नाम से 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-२१ में संकलित। |
दुई बोन | १९३३ | उपन्यासिका/लघु उपन्यास | दो बहनें नाम से 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-५० में संकलित। |
मालंच | १९३४ | सामाजिक-मनस्तात्त्विक (लघु) उपन्यास। नर-नारी के जटिल सम्बन्ध के परिप्रेक्ष्य में रचित। | फुलवाड़ी नाम से 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-२५ में संकलित। |
चार अध्याय | १९३४ | राजनैतिक (लघु) उपन्यास। इस उपन्यास के रूप में रवीन्द्रनाथ ने सशस्त्र आन्दोलन के विरुद्ध तार्किक सृष्टि की है। उत्पल दत्त ने इस उपन्यास के नाट्यरूप का मंचन किया। | एला दीदी नाम से 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-२७ में संकलित। |
से | १९३७ | मनस्तात्त्विक उपन्यासिका/लघु उपन्यास। रूपकथा (रहस्यमय एवं कौतुकपूर्ण) तथा कल्पनाश्रित विरूप (एब्सर्ड) कथा के संयोजन से रचित मनोरंजक कृति। | 'वह' नाम से 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड-२२ में संकलित। |
कविता
संपादित करेंरवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित समग्र कविता-पुस्तक/काव्य-संग्रहों की कालक्रमानुसार सूची इस प्रकार है[2] :-
- कवि काहिनी -1878
- बनफूल -1881
- भग्न हृदय -1881
- संध्या संगीत -1882
- प्रभात संगीत -1882
- छबि ओ गान -1884
- शैशव संगीत -1884
- भानुसिंह ठाकुरेर पदावली -1884
- कड़ि ओर कोमल -1887
- मानसी 1890
- सोनार तरी 1893
- विदाय अभिशाप 1894
- नदी 1896
- चित्रा 1896
- चैताली 1896
- कणिका 1899
- क्षणिका 1899
- कल्पना -1900
- काहिनी 1900
- कथा 1900
- नैवेद्य 1901
- स्मरण 1903
- शिशु 1903
- उत्सर्ग 1903
- खेया 1906
- गीतांजलि 1910
- गीतांजलि : सॉन्ग ऑफ़रिंग्स 1912 (गीतांजलि का अंग्रेजी गद्यानुवाद)
- गीतिमाल्य 1914
- गीतालि 1914
- बलाका 1916
- पलातका -1918
- लिपिका -1922
- शिशु भोलानाथ -1922
- पूरबी 1925
- पथिक ('पूरबी' का उत्तरार्ध) -1925
- प्रवाहिनी -1925
- लेखन 1927
- महुया 1929
- वनवाणी 1931
- परिशेष 1932
- पुनश्च 1933
- विचित्रिता 1933
- शेष सप्तक 1935
- वीथिका 1935
- पत्रपुट 1936
- श्यामली 1936
- खापछाड़ा 1937
- छड़ार छबि 1937
- प्रान्तिक 1938
- सेँजुति 1938
- प्रहासिनी 1938
- आकाश प्रदीप 1939
- नवजातक 1940
- सानाइ 1940
- रोगशय्याय 1940
- आरोग्य 1941
- जन्मदिने 1941
- छड़ा 1941
- शेषलेखा 1941
लघुकथा
संपादित करें- भिखारिणी
- घाटेर कथा घाट की कथा
- राजपथेर कथा राजपथ की कथा
- देना-पाउना दहेज
- पोस्टमास्टर
- गिन्नि
- सुभा
- ब्यबधान व्यवधान
- ताराप्रसन्नेर कीर्ति (ताराप्रसन्न की कीर्ति)
- बाबू की चरस
- सम्पत्ति-समर्पण
- दालिया
- कंकाल
- मुक्तिर उपाय (मुक्ति का उपाय)
- त्याग
- एकरात्रि (एक रात)
- एकटा आषाढ़े गल्प
- जीबन ओ मृत (जीवित और मृत)
- स्वर्णमृग
- रीतिमत नावेल
- जय-पराजय
- काबुलिवाला
- महामाया
- रामकानाइयेर निर्बुद्धिता (रामकन्हाई की मूर्खता)
- ठाकुरदा (पितामह/दादा)
- दानप्रतिदान
- सम्पादक
- मध्यबर्तनी (मध्यवर्तिनी)
- असम्भब कथा
- शास्ति (सजा)
- एकटि क्षुद्र पुरातन गल्प
- समाप्ति
- समस्यापूरण
- खाता (कॉपी)
- अनधिकार प्रबेश
- मेघ ओ रौद्र (धूप और छाया)
- प्रायश्चित
- बिचारक
- निशीथे (आधी रात में)
- आपद (आफत)
- दिदि (दीदी)
- मानभंजन
- प्रतिहिंसा
- अतिथि
- दुराशा
- पुत्रयज्ञ
- डिटेक्टिव (जासूस)
- अध्यापक
- राजटीका
- मनिहारा
- दृष्टिदान
- सदर ओ अन्दर (बाहर और भीतर)
- उद्धार
- फेल
- शुभदृष्टि
- उलुखरेर बिपद (तिनके का संकट)
- प्रतिबेशिनी (पड़ोसिन)
- दर्पहरन
- माल्यदान
- कर्मफल
- गुप्तधन
- माष्टर मोशाय (मास्टर साहब)
- रासमनिर छेले (रासमणि का बेटा)
- हालदार गोष्ठी (हालदार परिवार)
- हैमन्ती
- बोष्टमी (वैष्णवी)
- स्त्रीर पत्र (पत्नी का पत्र)
- भाइफोँटा
- शेषेर रात्रि (अंतिम रात)
- अपरिचिता
- तपस्विनी
- पात्र ओ पात्री
- नामंजुर गल्प (विचित्र कहानी)
- संस्कार
- बलाय (बला)
- चित्रकर
- चोराइ धन (चोरी का धन)
- रबिबार (रविवार)
- शेष कथा
- लेबोरेटरी
- प्रगतिसंहार (कापुरुष)
- शेष पुरस्कार
- पणरक्षा (प्रतिज्ञा)
- क्षुधितपाषाण
- यज्ञेश्बरेर यज्ञ (यज्ञेश्वर का यज्ञ)
- दुर्बुद्धि
- छुटि (छुट्टी)
गीतिनाट्य, नाटक, नृत्यनाट्य
संपादित करेंरवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित 'नाटक' विधा के अन्तर्गत 'संगीत नाटक' अथवा 'गीतिनाट्य', 'काव्य नाटक', 'व्यंग्य नाटक', 'प्रहसन' आदि समस्त नाट्य रचनाओं की कालक्रमानुसार सूची इस प्रकार है[3] :-
- रुद्रचंड (लघु नाटिका) -1881
- वाल्मीकि प्रतिभा (संगीत नाटक) -1881
- कालमृगया (संगीत नाटक) -1882 (वाल्मीकि प्रतिभा के 1886 के संस्करण में समाहित)
- नलिनी -1884
- प्रकृतिर प्रतिशोध -1884
- मायार खेला -1888
- राजा ओ रानी -1889
- विसर्जन (राजर्षि उपन्यास पर आधारित) -1890 (1893 एवं 1926 में पुनर्लिखित)
- गोड़ाय गलद -1892
- चित्रांगदा -1892
- विदाय अभिशाप (काव्य नाटक) 1894
- मालिनी -1896
- बैकुंठेर खाता (बैकुंठ का पोथा) -1897
- पंचभूतेर डायरी -1897
- काहिनी (नाट्य कविताएँ) -1900
- हास्य कौतुक -1907
- व्यंग्य कौतुक -1907
- शारदोत्सव -1908
- मुकुट -1908
- प्रायश्चित्त -1909
- राजा -1910
- अचलायतन -1911
- डाकघर -1912
- फाल्गुनी -1916
- गुरु (अचलायतन का भिन्न रूपांतर) -1918
- स्वर्ग-मर्त्य -1919
- अरूप रतन (राजा का संक्षिप्त रूपांतर) -1920
- ऋणशोध -1921
- मुक्त धारा -1922
- वसन्त -1923
- रथयात्रा -1923
- रक्त करबी (लाल कनेर) -1924
- शोध बोध -1925
- गृह प्रवेश -1925
- शेष वर्षण -1925
- सुंदर -1926
- चिरकुमार सभा -1926
- नटीर पूजा -1926
- नटराज -1927
- परित्राण -1927
- ऋतुरंगशाला (नटराज का संशोधित रूप) -1927
- शेष रक्षा (गोड़ाय जलद का पुनर्लिखित रूप) -1928
- तपती (राजा ओ रानी पर आधारित) -1929
- नवीन -1931
- कालेर यात्रा -1932
- तासेर देश (ताश का देश) -1933
- चण्डालिका -1933
- बंसरी (बाँसुरी) -1933
- श्रावण गाथा -1934
- चित्रांगदा -1936
- परिशोध -1938
- मुक्तिर उपाय -1938
- स्वर्गे चक्रटेबिल बैठक (स्वर्ग का प्रहसन) -1938
- श्यामा -1939
निबन्ध
संपादित करें- प्रमुख निबन्ध-
- रामायणी कथा -1878
- चीने मरनेर व्यवसाय 1881
- राजनीतिक द्विधा 1893
- ऐतिहासिक निबंध 1898
- काव्येर उपेक्षिता 1899
- कुमारसंभव ओ शकुंतला 1901
- शकुंतला 1902
- साहित्येर तात्पर्य 1903
- रंगमंच 1903
- स्वदेशी समाज 1904
- अवस्था ओ व्यवस्था 1905
- सौंदर्य बोध -1906
- विश्व साहित्य 1907
- दुःख -1908
- उत्सव -1908
- आत्मपरिचय -1908
- हिन्दू ब्राह्म -1908
- तपोवन 1909
- भारतवर्षीय इतिहासेर धारा 1912
- स्वराज साधन 1925
- शुद्र धर्म 1926
- मानव सत्य 1933
- मानुषेर धर्म (मानव धर्म) -1933
- सभ्यतार संकट -1940
- प्रमुख निबन्ध संग्रह-
- साहित्य 1907
- धर्म 1908
- विचित्र प्रबंध 1909
- शांतिनिकेतन दो भागों में (1909-1915)
- राष्ट्रवाद 1917
- साहित्येर पथे 1937
- कालान्तर 1938
भ्रमण कथा
संपादित करें
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आत्मकथा/जीवनी
संपादित करें- जीबनस्मृति -१९१२ (हिन्दी अनुवाद 'मेरी आत्मकथा' नाम से रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली, खंड-४२ में संकलित।)
- चरित्रपूजा -१९०७ (हिन्दी अनुवाद रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली, खंड-४२ ('महापुरुष और यात्रा साहित्य' के अंतर्गत संकलित।)
पत्र-साहित्य
संपादित करें- छिन्नपत्र (हिन्दी अनुवाद 'छिन्न पत्रावली' के नाम से दो भागों में 'रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली' के खण्ड 39 एवं 40 के अंतर्गत सस्ता साहित्य मंडल, नयी दिल्ली से प्रकाशित।)
संगीत
संपादित करेंचित्रकला
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ रवीन्द्रनाथ टैगोर रचनावली, खण्ड-29 ('दृष्टिदान तथा अन्य कहानियाँ'), संपादक- इन्द्र नाथ चौधुरी एवं अन्य, सस्ता साहित्य मंडल, नयी दिल्ली, प्रथम संस्करण (पेपरबैक)-2013, पृष्ठ-38-99.
- ↑ रणजीत साहा, रवीन्द्र मनीषा, साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली, प्रथम संस्करण-2015, पृष्ठ-8-9.
- ↑ रणजीत साहा, रवीन्द्र मनीषा, साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली, प्रथम संस्करण-2015, पृष्ठ- 408-409.