राजपूताना राइफल्स
राजपूताना राइफल्स भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। इसकी स्थापना 1775 में की गई थी। यह भारतीय सेना का सबसे पुराना राइफल रेजिमेण्ट है।
राजपूताना राइफल्स | |
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![]() राजपूताना राइफल्स का अधिचिह्न | |
सक्रिय | 10 January 1775 - Present |
देश | ![]() |
शाखा | Indian Army |
प्रकार | Infantry Regiment |
भूमिका | Regiment |
विशालता | 19 battalions |
आदर्श वाक्य | वीरभोग्या वसुंधरा "वीर ही धरती का भोग करते हैं।" राजा रामचन्द्र की जय |
युद्ध सम्मान | Poonch, Charwa, Basantar and Myanamati |
राजपुताना राइफल का निर्माण तत्कालीन ईस्ट इंडिया कंपनी ने जयपुर राजघराने की सेना को शामिल करके किया था। पहले इसका नाम "सवाई मान गार्ड्स " था। वर्तमान में इसमें राजपूत,लोधी राजपूत, खड़गवंशी राजपूत, ब्राह्मण, मुस्लिम राजपूत आदि बहुत से क्षत्रिय समाज के लोग शामिल हैं। समुदाय शामिल हैं। राजपूत रेजीमेंट भारतीय सेना की एक इन्फैंट्री रेजिमेंट है। यह सेना की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा वीरता पुरस्कार विजेता रेजिमेंट है। जिसमें से यह सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली और सबसे सुशोभित रेजिमेंटों में से एक है।
इन्हें भी देखेंसंपादित करें
- राजपूताना राइफल्स (राजस्थान पत्रिका)
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राजपुताना राइफल केवल इसमें पहले के समय में राजपूतो को ही शामिल किया जाता था यह केवल राजपूत जाति के लिए ही बनायीं गयी थी जिससे देश को बाहरी दुश्मनो से सुरक्षित रखा जा सके परन्तु वर्तमान मे इसमें सभी को शामिल किया जा रहा है लेकिन ये संगठन केवल राजपूतो की वजह से बनाया गया था। अब इसमें सभी जातियों को शामिल किया जाता है