राजर्षि
भारतीय संस्कृति में राजर्षि (= राजा + ऋषि) ऐसे राजा को कहते हैं जो ऋषि (विद्वान) भी हो। दूसरे शब्दों में, वह ऋषि जो राजवंश या क्षत्रिय कुल का हो। जैसे,— राजर्षि विश्वामित्र।
ऋषि सात प्रकार के माने गए हैं-
- (क) महर्षि, जैसे, व्यास
- (ख) परमर्षि जैसे, भेल
- (ग) देवर्षि, जैसे, नारद
- (घ) ब्रह्मर्षि, जैसे, वसिष्ठ
- (च) श्रुतर्षि, जैसे सुश्रुत
- (छ) राजर्षि, जैसे ऋतुपर्ण और
- (ज) कांडर्षि, जैसे जैमिनि
एक पद ऐसे सात ऋषियों का माना गया है जो कल्पांत प्रलयों में वेदों को रक्षित रखते हैं। भिन्न भिन्न मनवतरों में सप्तर्षि के अंतर्गत भिन्न भिन्न ऋषि माने गये हैं। जैसे, इस वैवस्वत मन्वंतर के सप्तर्षि ये हैं—कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और भरद्वाज। स्वायंभुव मन्वंतर के— मरीचि, अत्रि, अंगिरा, पुलस्त्य, पुलह, क्रतु और वशिष्ठ।
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