राजा बारी का जन्म सन १५८० में गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के पास हुआ था। उन्के पिता का नाम भीश्मबारी था और माता का नाम कुन्ति देवि था। वे सब्से बड़े पुत्र थे। उन्के ६ और भाइ थे। वे गोरखपुर के राजा सन १६८० में बने। उन्होने २० साल तक गोरखपुर पर राज किया।

"व्यहवरिक जीवन"

राजा बारी ने तीन शादीया की। उन्की पहली शादि बान्सगाउन् की राजकुमारी कमला देवी से हुइ थी। कमला देवि से राजा बारी को दो पुत्र मिले। कम्ला देवि अप्ने दुस्रे पुत्र वीर बारी को जनम देते हुए छल बसै। राजा बारी ने दो और शादीया कि एक भीम्नगर कि राज्कुमरी से और एक और अप्ने बछ्पन के प्यार वाघ्वति से की।

"राज्पाट"

राजा बारी कई कलाओ के धनि थे। वे शस्त्रकला मैं निपुर्न थे और उन्के राज मैं उन्के राजय मैं कई अछे बद्लव आये। वे दिल्ली के राजा जहांगिर के एअस्त इन्दिअ क्ँपनि को सुरत मैं कारखाने खोल्ने कि अन्यौमति देने के खिलाफ थे। वे एक हिन्दु देश भारत का निर्मान करना छाते थे।

"मृत्यु"

राजा बारी कि मृत्यु सन १६४० मैं हुइ थि, उस्स समय राजा कि उम्र ६० साल थि। उन्के बाद उनके पहली पत्नी से दुस्र पुत्र वीर बारी राजा बना।