राजिन्दर सच्चर
राजिन्दर सच्चर(22 दिसंबर 1923 – 20 अप्रैल 2018) दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे। वे 6 अगस्त, से 22 दिसंबर, 1985 तक दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। सेवानिवृत्ति के बाद वह पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबरटीज नामक एक प्रमुख मानवाधिकार समूह के साथ जुड़ गए थे। वे भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में भारत के मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति का आकलन करने के लिए गठित सच्चर समिति के अध्यक्ष थे।[1] [2]
राजिन्दर सच्चर | |
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जन्म |
22 दिसम्बर 1923 |
मौत |
20 अप्रैल 2018 दिल्ली, भारत | (उम्र 94 वर्ष)
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | वकील, न्यायाधीश |
प्रसिद्धि का कारण | नागरिक अधिकार गतिविधि |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ चिस्ती, सीमा (21 अप्रैल). "Rajindar Sachar (1923-2018): Man of convictions, not shy of a fight for what is right" [राजिंदर सच्चर (1923-2018): दृढ़ निश्चयी व्यक्ति, सच्चाई के लिए लड़ी गयी एक लड़ाई में शर्मिंदा नहीं]. दी इंडियन एक्स्प्रेस (अंग्रेज़ी में). मूल से 25 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2018.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ सच्चर, राजिन्दर (31 अगस्त 1978). "Committee Report of the High-Powered Committee on Companies and MRTP Acts, 1978" [कंपनी एवं एमआरटीपी अधिनियम, 1978 पर उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट] (PDF) (अंग्रेज़ी में). कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय. मूल (PDF) से 3 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2018.