राजेन्द्र प्रताप सिंह

{{Infobox Indian politician | name = राजेन्द्र प्रताप सिंह | image = | image size = | caption = राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह | birth_date = 20 अक्टूबर 1954[1] | residence = सदर, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश | death_date = | death_place =

| office =[[उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री |term = 2017- अबतक | office1 = कृषि मंत्री | predecessor = | successor = | primeminister = | term1 = 2003 | office2 = विधायक, उत्तर प्रदेश | constituency2 = पट्टी, उत्तर प्रदेश | term2 =1996–2002, 2002–2007, 2007–2012,2012-2017and 2017-2022 | predecessor2 = | successor2 = | office3 = सदस्य, विधान परिषद | term3 = 1990-1996 | predecessor3 = | successor3 = | party = भारतीय जनता पार्टी | religion = हिन्दू | children = एक पुत्र और तीन पुत्रियाँ | website = | footnotes = | date = 22 मार्च| | year = 2017 | }} राजेन्द्र प्रताप सिंह (जन्म: 20 अक्टूबर 1954) मोती सिंह के नाम से लोकप्रिय, उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं और वर्तमान में योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।आप चार बार से प्रतापगढ़ जिले के पट्टी विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। [2]

प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा संपादित करें

इनका जन्म 20 अक्टूबर 1954 को प्रतापगढ़ जिले में हुआ। इनके पिता का नाम भरत सिंह गांधी और मां का नाम कौशल्या देवी था। इन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान विषयों में स्नातक की डिग्री और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से क़ानून (एल एल बी) की शिक्षा ग्रहण की। वे पेशे से व्यापारी हैं।

==करियर=माननीयमंत्री जी के बारे में कुछ जानने से पहले ये जानना जरूरी है की आप देश के कुछ चुनिंदा नेताओं में से है जिनका नाम क्षेत्रवासियों में विकाश पुरुष के नाम से प्रसिद्ध है।इनका राजनीतिक कैरियर 1983 में शुरू हुआ। मंगरौरा से पहली बार ब्लॉक प्रमुख के रूप में निर्वाचित किये गए। 1988 में वे ब्लॉक प्रमुख चुनाव में पुन: निर्वाचित हुए। 1996, 2002 और 2007 के चुनाव जीत कर वो पट्टी विधान सभा क्षेत्र से तीन बार विधायक के रूप में चुने गए। 1990 में वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। उन्होने 1989 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से उत्तर प्रदेश विधानसभा से चुनाव लड़ा और असफल रहे। जहां जनता दल के उम्मीदवार राम लखन ने 35.44% मतों के मार्जिन से जीत हासिल की। उनके अनुसार कुछ तकनीकी समस्या के कारण उनके वोट ठीक से नहीं गिने जा सके जिसके कारण 1989 का चुनाव वो जीत नहीं सके! अभी भी 1989 विधानसभा चुनाव का मामला अदालत में लंबित है।

भाजपा से लगातार तीन बार विधायक रह चुके मोती सिंह, भाजपा की टिकट पर 1996 में यूपी के पट्टी विधानसभा से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे। फिर भाजपा के टिकट पर वे 2002 में पुन: इसी क्षेत्र से विधायक बने। 2003 में वे यूपी की भाजपा सरकार में कृषि राज्य मंत्री रहे। 2007 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर वे तीसरी बार पुन: विधायक बने। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद वे हार गए थे। 2012 चुनाव में हारने के बाद वे हाईकोर्ट पहुंच गए थे। उल्लेखनीय है कि 2012 के प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के राम सिंह ने भाजपा के मोती सिंह को शिकस्त दी थी। राम सिंह को 61434 वोट मिले थे। उन्होंने मोती सिंह को 156 वोट से हराया था। मोती सिंह को 61278 वोट मिले थे। इस परिणाम को मोती सिंह ने चुनौती दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रतापगढ़ में समाजवादी पार्टी के विधायक की विधानसभा सदस्यता को रद कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले में वे पुन: विधायक हो गए थे, लेकिन इस फैसले के खिलाफ सपा के विधायक रामसिंह सुप्रीम कोर्ट चले गए।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव परिणाम फिर से उनके पक्ष में रहा। उन्हें कुल 74428 मत मिले और उनके निकटतम प्रतिद्वन्दी सपा के राम सिंह को कुल 73051 मत मिले। वर्ष-2017 के योगी आदित्यनाथ की सरकार में उन्होने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Uttar Pradesh 2007, Rajendra Pratap Singh alias Motin Singh (Winner), Patti (Pratapgarh)" [उत्तर प्रदेश 2007, राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह (विजेता),पट्टी (प्रतापगढ़)]. MyNeta.info. मूल से 28 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22.03.2017. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "कैबिनेट मंत्री बनाए गए राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, पट्टी में जश्न का माहौल". मूल से 23 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 मार्च 2017.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें