राठी गोवंश
गोजातीय नस्ल
राठी गोवंश राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भागों ( गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर) में पाए जाते हैं। इस नस्ल की गाय अत्यधिक दूध देने के लिये प्रसिद्ध है। गुजरात राज्य में भी राठी गाय बहुत पाली जाती है।[1]
वयस्क राठी गाय का वजन लगभग 280 - 300 किलोग्राम और बैल का 350-350 किलोग्राम होता है। राठी पशु की त्वचा भूरा व सफेद या काला व सफेद रंगों का मिश्रण होती है।
भारतीय गायों में राठी नस्ल एक महत्वपूर्ण दुधारू नस्ल है। यह गाय प्रतिदन 8 - 12 लीटर दूध देती है। कहीं–कहीं इसे 18 लीटर तक दूध देते हुए देखा गया है। राठी नस्ल के बैल बहुत मेहनती होते हैं। इस नस्ल के बैल गरम मौसम में भी लगातार 10 घंटे तक काम करतें हैं। ये रेगिस्तान में भरी-भरकम सामान खींचकर चल सकतें हैं। यह गाय भारत के किसी भी क्षेत्र में रह लेती है।राठी गाय को "राजस्थान की कामधेनु" भी कहते हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "भारतीय गौ नस्ल". मूल से 31 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 मार्च 2017.
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- राठी गाय (राठी नस्ल विकास परियोजना)