राणा भगवानदास
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राणा भगवानदास (20 दिसम्बर 1942 - 23 फ़रवरी 2015), पाकिस्तानी न्यायपालिका के एक उच्च सम्मानित व्यक्ति पाकिस्तानी सर्वोच्य न्यायालय के न्यायधीश एवं कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश थे। वो पाकिस्तान में २००७ के न्यायिक संकट और संक्षिप्त समय के लिए जब पदधारी इफ़्तिख़ार मोहम्मद चौधरी २००५ और २००६ के दौरान विदेश यात्रा पर गये तब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार सम्भाला[1]और इस प्रकार वो प्रथम हिन्दू और दूसरे गैर-मुस्लिम व्यक्ति हैं जिन्होंने पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के प्रमुखा का कार्यभार सम्भाला।[2] राणा भगवानदास ने पाकिस्तान के संघीय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था। 2009 में वो संघीय नागरिक सेवा के चयन के लिए पैनल के प्रमुख का कार्य भी किया।
राणा भगवानदास رانا بھگوان داس | |
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पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश
कार्यवाहक | |
पद बहाल 24 मार्च 2007 – 20 जुलाई 2007 | |
नियुक्त किया | परवेज़ मुशर्रफ़ |
पूर्वा धिकारी | जावेद इकबाल (कार्यवाहक) |
उत्तरा धिकारी | इफ़्तिख़ार मोहम्मद चौधरी |
जन्म | 20 दिसम्बर 1942 कराची, ब्रितानी राज (अब पाकिस्तान) |
मृत्यु | 23 फ़रवरी 2015 कराची, पाकिस्तान | (उम्र 72 वर्ष)
जीवन
संपादित करेंराणा भगवानदास का जन्म २० दिसम्बर १९४२ को सिंध के नसीराबाद, कराची के एक हिन्दू सिंधी परिवार में हुआ। उन्होंने कानून की पढ़ाई की और इस्लामी अध्ययन में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की।[2] २३ फ़रवरी २०१५ को उनका निधन हो गया।[3]
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश
संपादित करें9 मार्च 2007 को पाकिस्तानी राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने मुख्य न्यायाधीश चौधरी को "गैर-कार्यात्मक" घोषित किया[4] और पाकिस्तान की सुप्रीम न्यायिक परिषद (एसजेसी) को उनके खिलाफ एक आरोप अग्रेषित किये। अतः न्यायाधीश भगवानदास को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का स्थान प्राप्त होना चाहिए लेकिन उन्होंने कुछ दिन अज्ञात रहने के बाद बताया कि वो ह्बारत की यात्रा पर गये हुए हैं। 15 मार्च 2007 को उनका तत्कालीन ठिकाना घोषित करने के लिए पाकिस्तान सरकार के आग्रह पर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गयी।[5] वो 23 मार्च को पुनः घर गये। वो पाकिस्तान में हो रही घटनाओं से परिचित थे। भारत से लौटने के पश्चात उन्होंने कार्यवाहक उच्चन्याधीष का पद ग्रहण किया। उनका कार्यकाल 24 मार्च से 20 जुलाई 2007 तक जारी रहा जब तक कि पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने इफ़तिखार मुहम्मद चौधरी को उनके पद पर पुनः स्थापित किया।[6]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 मार्च 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
- ↑ अ आ "Hindu named Pakistan's Chief Justice" [पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश हिन्दू नाम] (अंग्रेज़ी में). रिडिफ डॉट कॉम. 1 सितम्बर 2005. मूल से 25 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 सितम्बर 2013.
- ↑ "पाकिस्तान के पूर्व एकमात्र हिंदू चीफ जस्टिस राणा भगवानदास का निधन". ज़ी न्यूज़. २४ फ़रवरी २०१५. मूल से 26 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २६ फ़रवरी २०१५.
- ↑ "CJ Suspended, escorted home" [मुख्य न्यायाधीश निलम्बित, घर पर नज़रबंद] (अंग्रेज़ी में). डॉन, पाकिस्तानी समाचार पत्र. 9 मार्च 2007. मूल से 31 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 सितम्बर 2013.
- ↑ "Petition in SC on Bhagwandas" [भागवानदास पर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर] (अंग्रेज़ी में). डॉन. 15 मार्च 2007. मूल से 31 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 सितम्बर 2013.
- ↑ Bhagwandas meditating in Indian Ashram Archived 2010-10-31 at the वेबैक मशीन Dawn - March 20, 2007.