रामपुर का लक्ष्मण
रामपुर का लक्ष्मण 1972 की हिन्दी फिल्म है। यह फिल्म मनमोहन देसाई द्वारा निर्देशित है। फिल्म में रणधीर कपूर, रेखा और शत्रुघ्न सिन्हा हैं। संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा रचित है।[1]
रामपुर का लक्ष्मण | |
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रामपुर का लक्ष्मण का पोस्टर | |
निर्देशक | मनमोहन देसाई |
निर्माता | ए॰ ए॰ नाडियाडवाला |
अभिनेता |
रणधीर कपूर, रेखा, शत्रुघ्न सिन्हा |
संगीतकार | राहुल देव बर्मन |
प्रदर्शन तिथि |
1972 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंकेदारनाथ भार्गव (मनमोहन कृष्णा), उनकी पत्नी, लक्ष्मी और दो बेटे, राम और लक्ष्मण, बेघर हैं। एक यात्रा के समय, उनकी ट्रेन पटरी से उतर जाती है और परिवार तीन समूहों में अलग हो जाता है। लक्ष्मी बम्बई के मेयर और उनकी बेटी, रेखा के घर में एक नौकरानी के रूप में काम करने लगती है। राम का अपहरण एक अपराधी द्वारा किया जाता है। केदारनाथ और लक्ष्मण एक साथ होते हैं। लक्ष्मण का साथ देने आये रतनलाल वर्मा नाम के दयालु आदमी को ट्रक टक्कर मार देता है और वह अपंग हो जाते हैं। केदारनाथ और लक्ष्मण, रतनलाल के गाँव, रामपुर में रहने लगते हैं और वे एक परिवार के रूप में एक साथ रहते हैं। रतनलाल का एक बेटा प्रकाश है।
वर्षों बाद, बड़ा हो चुका प्रकाश (रमेश देव) बम्बई चला जाता है, जहाँ उसे एक जौहरी के यहाँ नौकरी मिल जाती है। जब दो महीने तक रतनलाल को उसकी कोई खबर नहीं मिलती, तो वह लक्ष्मण (रणधीर कपूर) को बम्बई जाने के लिए कहता है। बंबई पहुंचने पर, लक्ष्मण को पता चलता है कि प्रकाश को पुलिस ने कुंदन कुमार नामक एक व्यक्ति की हत्या करने के लिए गिरफ्तार कर लिया है। बाद में उसे दोषी पाया जाता है और उसे फांसी की सजा दी जाती है। लक्ष्मण यह पता लगाने की कोशिश करता है कि वास्तव में कुंदन की हत्या किसने की। वह लुईस डिसूजा के भेष में एक गिरोह में शामिल हो जाता है। लक्ष्मण को यह नहीं पता कि इस गिरोह का नेता कोई और नहीं बल्कि उसका भाई राम (शत्रुघ्न सिन्हा) है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- रणधीर कपूर ― लक्ष्मण भार्गव
- रेखा ― रेखा चौधरी
- शत्रुघ्न सिन्हा ― राम भार्गव / कुमार
- रमेश देव ― प्रकाश वर्मा
- पद्मा खन्ना ― जूली
- सुलोचना लाटकर ― लक्ष्मी भार्गव
- मनमोहन कृष्णा ― केदारनाथ भार्गव
- राज मेहरा ― चौधरी
- रंजीत ― पीटर
- रूपेश कुमार ― चगनलाल
- केशव राणा ― कुंदन कुमार
- विजू खोटे ― माइकल
- रणधीर ― रतनलाल वर्मा
संगीत
संपादित करेंसभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "साँवला रंग है मेरा" | आशा भोंसले | 5:28 |
2. | "काहे अपनो के" (डुएट) | आशा भोंसले, किशोर कुमार | 2:57 |
3. | "काहे अपनो के" (सोलो) | किशोर कुमार | 3:52 |
4. | "गुम है किसी के प्यार में" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 4:15 |
5. | "अलबेला रे रुक जाना" | लता मंगेशकर | 4:19 |
6. | "प्यार का समय कम है जहाँ" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी | 4:54 |
7. | "रामपुर का वासी हूँ" | किशोर कुमार | 5:03 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ मिश्र, यतींद्र (27 जून 2018). "संगीत परंपरा के विद्रोही संगीतकार आरडी बर्मन". बीबीसी हिन्दी. मूल से 24 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 मई 2019.