रामभद्र

पांचवे गुर्जर प्रतिहार राजा

रामभद्र (833-836) [[गुर्जर-प्रतिहार राजवंश का एक शासक था। जैन प्रभावकचरित के अनुसार, नागभट्ट द्वितीय के बाद रामभद्र राजा बना, जिसे कभी कभी राम  या रामदेव भी कहा गया है। उसकी माँ का नाम इस्तादेवी था।[1] रामभद्र का शासनकाल संक्षिप्त केवल तीन वर्ष का था। उसके शासनकाल के दौरान उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पडा था। ग्वालियर के एक शिलालेख से यह जान पड़ता है कि उसने अपने साम्राज्य को ग्वालियर को विस्तारित कर दिया था।[2][3]

रामभद्र
5वाँ गुर्जर प्रतिहार राजा
शासनावधिल. 833
पूर्ववर्तीनागभट्ट द्वितीय
उत्तरवर्तीमिहिर भोज
माताइस्तादेवी

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Rama Shankar Tripathi (1989). History of Kanauj: To the Moslem Conquest. Motilal Banarsidass Publ. पृ॰ 236. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-0404-3.
  2. R. K. Sharma; Om Prakash Misra (2003). Archaeological excavations in central India: Madhya Pradesh and Chhattisgarh. Mittal Publications. पृ॰ 10. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7099-874-7.
  3. Sailendra Nath Sen (1999). Ancient Indian History and Civilization. New Age International. पृ॰ 267. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-224-1198-0. मूल से 7 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जनवरी 2018.