रामसनेही दास मगही के मध्यकालीन संत कवि के रूप में सुविख्यात हैं। मगही साहित्येतिहासकारों के अनुसार ये 8 वीं शती के अन्तिम चरण में हुए थे। रामसनेही दास औरंगाबाद (बिहार) के भरकुंडा नामक ग्राम के रहने वाले थे। इनके पद औरंगाबाद जिले के उत्तरी-पश्चिमी भागों में आज भी सुने जाते हैं। [[