मगही भाषा
मगही या मागधी भाषा भारत के मध्य पूर्व में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका निकट का संबंध भोजपुरी और मैथिली भाषा से है और अक्सर ये भाषाएँ एक ही साथ बिहारी भाषा के रूप में रख दी जाती हैं। इसे देवनागरी अथवा कयथी लिपि में लिखा जाता है। मगही बोलने वालों की संख्या (2002) लगभग १ करोड़ ३० लाख है। मुख्य रूप से यह बिहार के गया, पटना, राजगीर, नालंदा, जहानाबाद, अरवल, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई, मुंगेर, औरंगाबाद के इलाकों में बोली जाती है।
मगही | |
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बोलने का स्थान | भारत |
तिथि / काल | २०११ की जनगणना |
क्षेत्र | भारत के बिहार और झारखंड, |
मातृभाषी वक्ता | 13 मिलियन (लगभग १३० लाख)[1] |
भाषा परिवार | |
लिपि | देवनागरी |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | mag |
मगही का धार्मिक भाषा के रूप में भी पहचान है। कई जैन धर्मग्रंथ मगही भाषा में लिखे गए हैं। मुख्य रूप से वाचिक परंपरा के रूप में यह आज भी जीवित है। मगही का पहला महाकाव्य गौतम महाकवि योगेश द्वारा 1960-62 के बीच लिखा गया। दर्जनों पुरस्कारो से सम्मानित योगेश्वर प्रसाद सिन्ह योगेश आधुनिक मगही के सबसे लोकप्रिय कवि माने जाते हैं। 23 अक्तुबर को उनकी जयन्ति मगही दिवस के रूप मे मनाई जा रही है।
मगही भाषा में विशेष योगदान हेतु सन् 2002 में रामप्रसाद सिंह को साहित्य अकादमी भाषा सम्मान दिया गया।
ऐसा कुछ विद्वानों का मानना है कि मगही संस्कृत भाषा से जन्मी हिन्द आर्य भाषा है, परंतु महावीर और बुद्ध दोनों के उपदेश की भाषा मागधी ही थी। बुद्ध ने भाषा की प्राचीनता के प्रश्न पर स्पष्ट कहा है- ‘सा मागधी मूल भाषा’। अतः मगही ‘मागधी’ से ही निकली भाषा है। इसकी लिपि कैथी है।
इन्हे भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- मगही कविता कोश
- मगही साहित्य
- मगही मंडल
- मागधी
- फूल बहादुर - मगही का पहला उपलब्ध उपन्यास
- मगही उपन्यास - नरक सरग धरती
- मगध की लोककथाएँ : संचयन
- मगही का भाषिक स्वरुप और उसका साहित्यिक विकास
- मगही पुस्तकें
- नमूना
- संदर्भ सूची
- फ़िल्म "भैया"
- संयुक्त राष्ट्रसंघ की मानवाधिकार घोषणा - मगही रूपांतर
- मगही में बाइबिल (1818) का नमूना पृष्ठ
- दक्षिण एशियाई भाषाओं की प्राथमिकता का निश्चय - प्रारूप रिपोर्ट (जून 2005)
- हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य
- बिहारी भाषाएँ
- Magahi at The Rosetta Project
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Statement 1: Abstract of speakers' strength of languages and mother tongues - 2011". www.censusindia.gov.in. Office of the Registrar General & Census Commissioner, India. मूल से 16 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-12-19.