राय आनंद कृष्ण (जन्म 12 नवम्बर 1925 -) कला-इतिहासवेत्ता एवं संग्रहालयशास्त्री हैं। वे प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार राय कृषदास के पुत्र हैं। इन्होंने न केवल भारतीय कलाकृतियों का संरक्षण करने में योगदान दिया है, बल्कि इस विधा में व्यावसायिक कला शोधकर्त्ता भी तैयार किये हैं। इनके कार्य और संग्रह भारत कला भवन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय. वाराणसी में सुरक्षित हैं, जिन्होंने कला के इतिहास को भारत में एक नई आधुनिक दृष्टिकोण दिया।

राय आनंद कृष्ण ने अपना संपूर्ण जीवन 'भारत कला भवन' के लिए संग्रह हेतु समर्पित कर दिया। उनके जीवन का यही समर्पण और आत्मविश्वास आज 'भारत कला भवन' के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय को गौरवान्वित कर रहा है। विभिन्न कलाकृतियों के संयोजन में तो उनकी अभिरुचि थी ही, किंतु भारतीय चित्रों के संकलन के प्रति उनकी आत्मीय आस्था थी। यही कारण है कि 'भारत कला भवन' न केवल राष्ट्रीय स्तर पर अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लघु चित्रों के संग्रह में अपना एक निजस्व रखता है। इन्हें भारत सरकार ने पद्मविभूषण से सम्मानित किया था।[1]

  1. इतिहास– भारत कला भवन Archived 2014-08-09 at the वेबैक मशीन-लक्ष्मीकांत नारायण

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