रावुरी भारद्वाज

भारतीय लेखक जो 2012 में ज्ञानपीठ पुरस्कार जीता था

रावुरी भारद्वाज (1927 – 18 अक्टूबर 2013) ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता तेलुगू उपन्यासकार, लघु-कथा लेखक, कवि एवं समीक्षक थे।[2] उन्होंने 37 लघु कथाएँ, सत्रह उपन्यास, चार नाटक एवं पाँच रेडियो रूपान्तरण लिखे।

रावुरी भारद्वाज
जन्म05 जुलाई 1927
मोगुलूरू, हैदराबाद स्टेट
मौत18 अक्टूबर 2013(2013-10-18) (उम्र 86)[1]
हैदराबाद, भारत
पेशालेखक
भाषातेलुगू
राष्ट्रीयताभारतीय
नागरिकताभारतीय
शिक्षा७वीं पास
उल्लेखनीय कामsपाकुडु राल्लु
खिताबज्ञानपीठ पुरस्कार
जीवनसाथीकान्थम
बच्चे5 (4 पुत्र और 1 पुत्री)

उन्हें २०१२ में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मनित किया गया।[3] इनके द्वारा रचित एक रेखाचित्र जीवन समरम् के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[4]

रावुरी ने १८ अक्टूबर २०१३ को हैदराबाद के बंजारा हिल्स अस्पताल की देखरेख में अन्तिम साँसे ली।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. विशेष संवाददाता. "Jnanpith winner Ravuri no more". द हिन्दू. मूल से 22 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-10-21.
  2. "Telugulō smr̥ti sāhityaṃ-Bharadvāja racanalu: siddhānta vyāsaṃ - Vai. E. Viśālākṣmi - Google Books". बूक्स डॉट गूगल डॉट कॉम. मूल से 31 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-10-21.
  3. "तेलुगु लेखक रावुरी भारद्वाज को ज्ञानपीठ पुरस्कार". लाइव हिन्दुस्तान. 17 अप्रैल 2012. मूल से 21 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अक्टूबर 2013.
  4. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.

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