राशन कार्ड (भारत)
राशन कार्ड भारतीय रियायती दर पर [1]खाद्य और ईंधन (एलपीजी और केरोसिन) की खरीद [2] के लिए मुख्य रूप से उपयोग किया [3] जाता है 'यह की गरीबों को पहचान उपलब्ध कराने के सबूत और सरकार डेटाबेस [4] के साथ एक कनेक्शन के लिए एक महत्वपूर्ण निर्वाह [5]उपकरण है। भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की पहचान पत्र और पात्रता [6]के अपने कार्यों सहित, राशन कार्ड के आधार पर [7] चल रही है। जानकारी के मुताबिक भारत में साल 1940 में राशन कार्ड की शुरुआत की गई थी। सबसे पहले इसे बंगाल में शुरू किया गया थी, तब वहां अकाल पड़ा था। जानकारी के मुताबिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान साल 1945 में अंग्रेजों ने इसे योजना का रूप दिया।
राशन कार्ड भारत सरकार द्वारा एक अनुमोदित दस्तावेज है जो राशन कार्ड धारक को रियायती दरों पर भोजन, अनाज, मिट्टी का तेल आदि जैसी वस्तुओं को खरीदने में मदद करता है। राशन कार्ड उन लोगों के लिए बेहद मददगार रहा है जो आर्थिक रूप से इतने समृद्ध नहीं हैं या गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) समूह से संबंधित हैं और उन्हें खाद्य पदार्थ खरीदना मुश्किल होगा। इसके अलावा, राशन कार्ड पहचान और पते के प्रमाण के रूप में भी कार्य करता है और इसका उपयोग अधिवास प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र आदि के लिए आवेदन करने जैसे उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
राशन कार्ड के प्रकार
संपादित करें- गरीबी रेखा से ऊपर (APL) राशन कार्ड जो गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले परिवारों को जारी किए जाते है।
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL) राशन कार्ड जो गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को जारी किए जाते है।
- अंत्योदय अन्न योजना (AAY) राशन कार्ड जो "गरीब से गरीब" परिवारों को जारी किए जाये है।
- प्राथमिकता घरेलू (PHH) राशन कार्ड - यह कार्ड उन परिवारों को जारी किया जाता है जो राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। प्रत्येक परिवार जिसके पास प्राथमिकता वाला राशन कार्ड है, वह प्रति सदस्य प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न का हकदार है।
वन नेशन वन राशन कार्ड
संपादित करेंएक नेशन एक राशन कार्ड योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजना है जिसकी आधिकारिक शुरूआत 1 जून 2020 को की गई थी। इस योजना का लाभ दूसरे राज्यों में नौकरी की तलाश में जाने वाले राशन कार्ड धारको को मिलेगा जिन्होंने अपने गृह शहर व गांव में अपना राशन कार्ड बनवाया है। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के माध्यम से अब कोई भी राशन कार्ड धारक देश के किसी भी कोने में रह कर अपने नजदीकी राशन कोटा की दुकान से रियायती दरों पर राशन प्राप्त कर सकते है।
अब राशन कार्ड धारक के मन में ये सवाल आ रहा होगा की वन नेशन वन राशन कार्ड कैसे बनेगा। इसके लिए उन्हें सरकार द्वारा लांच की गई मेरा राशन मोबाईल एप का इस्तेमाल करना होगा जिसकी मदद से राशन कार्ड धारक एक नेशन एक राशन कार्ड योजना में आवेदन कर सकेंगे।
किसी भी राज्य का राशन कार्ड पीडीएफ यदि राशन कार्ड धारक प्राप्त करना चाहते हैं तो इसे भारत सरकार के वेबसाइट डिजी लॉकर से प्राप्त किया जा सकता है, इसके लिए केवल आपका आधार कार्ड नंबर और राशन कार्ड नंबर की जरूरत पड़ती है। इस प्रकार डाउनलोड किया गया राशन कार्ड डिजिटल रूप से वेरीफाई होता है जिससे किसी भी कार्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, यदि आप अपना राशन कार्ड डाउनलोड पीडीएफ़ देखना चाहते हैं। तो आप भारत सरकार के डीजी लॉकर वेबसाइट को गूगल में सर्च या क्रोम में सर्चच कर सकते हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). Archived from the original (PDF) on 14 मई 2015. Retrieved 5 सितंबर 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 7 मार्च 2016. Retrieved 5 सितंबर 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 18 अगस्त 2015. Retrieved 5 सितंबर 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 19 जून 2015. Retrieved 5 सितंबर 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 26 सितंबर 2015. Retrieved 5 सितंबर 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 28 मार्च 2014. Retrieved 5 सितंबर 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 24 अक्तूबर 2017. Retrieved 15 जून 2020.
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