केन्द्रीय कृषि मन्त्री राधामोहन सिंह ने 28 जुलाई , 2014 को स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की। बजट 2019 मे इस योजना के लिए आवंटन को बढ़ा 750करोड रूप ये कर दिया गया है।[1][2]यह मिशन राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम पर आधारित परियोजना है। [3][4]

उद्देश्य

संपादित करें
  • (१) स्वदेशी नस्लों का विकास और संरक्षण ।
  • (२) स्वदेशी पशु नस्लों के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम शुरु करना ताकि अनुवांशिक सुधार और पशुओं की संख्या में वृद्धि की जा सके ।
  • (३) दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए ।
  • (४) नॉन–डेसक्रिप्ट पशुओं का गिर, साहीवाल, राठी, देउनी, थारपारकर, रेड सिन्धी और अन्य कुलीन स्वदेशी नस्लों के जरिए अपग्रेडेशन करना ।
  • (५) प्राकृतिक सेवाओं के लिए उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले सांडों का वितरण ।
  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 28 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अप्रैल 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अप्रैल 2015.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 9 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अप्रैल 2015.
  4. http://www.thehindubusinessline.com/industry-and-economy/agri-biz/government-launches-rashtriya-gokul-mission-for-indigenous-cattle/article6697335.ece

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें

is Yojana ke antargat kisanon ki sabhi gayon ka gharVardhan nishulk kaarvayi jaaye

2 Nasl bhi acchi aur dudharu honi chahie 3 kisanon ke liye nishulk helpline Number ki vyavastha ki jaani chahie jisse kisanon ko samay per is suvidha ka Labh mil sake Sex seeman bhi nishulk hona chahie jo ki fees abhi lee jati h Prathmik upchar ke liye doctor samay per Ghar pahunch na chahie