राष्ट्रीय रक्षा निधि (भारत)
राष्ट्रीय रक्षा निधि को राष्ट्रीय रक्षा प्रयासों को बढ़ावा देने हेतु नकद एवं वस्तुओं के रूप में प्राप्त स्वैच्छिक दान की जिम्मेदारी लेने और उसके इस्तेमाल पर निर्णय लेने के लिए राष्ट्रीय रक्षा कोष स्थापित किया गया था। इस कोष का इस्तेमाल सशस्त्र बलों तथा अर्द्ध सैनिक बलों के सदस्यों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए किया जाता है। यह कोष एक कार्यकारिणी समिति के प्रशासनिक नियंत्रण में होता है। इस समिति के अध्यक्ष प्रधानमन्त्री होते हैं और रक्षा, वित्त तथा गृहमंत्री इसके सदस्य होते हैं। वित्तमंत्री इस कोष के कोषपाल होते हैं तथा इस विषय को देख रहे प्रधानमन्त्री कार्यालय के संयुक्त सचिव कार्यकारिणी समिति के सचिव होते हैं। कोष का लेखा भारतीय रिजर्व बैंक में रखा जाता है। यह कोष भी जनता के स्वैच्छिक अंशदान पर पूरी तरह से निर्भर होता है और इसे किसी भी तरह की बजटीय सहायता नहीं मिलती है।[1][2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "राष्ट्रीय रक्षा निधि | भारत के प्रधानमंत्री". www.pmindia.gov.in. मूल से 28 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2020.
- ↑ "National Defence Fund | Prime Minister of India". www.pmindia.gov.in. मूल से 2 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2020.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- National Defence फण्ड (English में)