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रुचि प्रजापति को अन्य प्रजापतियों के समान ब्रह्मा जी ने अपने मानस पुत्र के रूप में रचा था।
रुचि प्रजापति का विवाह स्वयंभुव मनु की प्रथम कन्या आकूति के साथ हुआ था।
रुचि प्रजापति की पत्नी आकूति का एक पुत्र मख तथा एक कन्या का नाम दक्षिणा था। दक्षिणा के रूप में आकूति से स्वयं देवी लक्ष्मी अवतरित हुईं थीं।
रुचि प्रजापति के पुत्र मख को स्वयंभुव मनु ने ले लिया।
दक्षिणा के युवा होने पर उसका विवाह भगवान विष्णु से कर दिया गया