स्वयंभुव मनु
स्वयंभुव मनु संसार के प्रथम पुरुष थे ऐसी हिंदू मान्यता है। और चित्रगुप्त के पर पोते भी सुखसागर के अनुसार सृष्टि की वृद्धि के लिये ब्रह्मा जी ने अपने शरीर को दो भागों में बाँट लिया जिनके नाम 'का' और 'या' (काया) हुये। उन्हीं दो भागों में से एक से पुरुष तथा दूसरे से स्त्री की उत्पत्ति हुई। पुरुष का नाम स्वयंभुव मनु और स्त्री का नाम शतरूपा था। इन्हीं प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री की सन्तानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति हुई। मनु की सन्तान होने के कारण वे मानव कहलाये ,और ब्रह्मा जी की काया से उत्पन्न चित्रगुप्त को कायस्थ कहा जाता है। और यह चित्रगुप्त के बेटे भानुश्रिवस्तव के पुत्र देवधूत्रक के पुत्र स्वयंभु मनु थे और चित्रगुप्त के पर पोते थे क्योंकि ध्रुव वंश श्रावस्ती वंश से ही थे