रुद्धोष्म प्रक्रम
रुद्धोष्म प्रक्रम (एडियाबेटिक प्रॉसेस) किसी उष्मा गतिक निकाय में किए गए ऐसे प्रक्रम को कहते हैं, जिसमें परिवर्तन के समय निकाय और वाह्य वातावरण के बीच उष्मीय ऊर्जा का आदान-प्रदान न हो। (रुद्धोष्म = रुद्ध + ऊष्म = जिसमें ऊष्मा का आदान-प्रदान अवरुद्ध हो)
रुद्धोष्म प्रक्रम की परिकल्पना अत्यन्त व्यावहारिक महत्व की है। तेजी से घटित होने वाले अनेकों रासायनिक व भौतिक प्रक्रम रुद्धोष्म प्रक्रम होते हैं या रुद्धोष्म प्रक्रम के सन्निकट होते हैं। किन्तु रुद्धोष्म प्रक्रम के पहले या बाद के प्रक्रम में ऊष्मा का आदान-प्रदान होता है।[1]
आदर्श गैस (व्युत्क्रमणीय प्रक्रम)संपादित करें
व्युत्क्रमणीय रुद्धोष्म प्रक्रम से होकर गुजरते हुए आदर्श गैस का गणितीय समीकरण निम्नलिखित है-
where P is pressure, V is volume, and for this case n = γ where
CP being the specific heat for constant pressure, CV being the specific heat for constant volume, γ is the adiabatic index, and f is the number of degrees of freedom (3 for monatomic gas, 5 for diatomic gas and collinear molecules e.g. carbon dioxide).
सन्दर्भसंपादित करें
- ↑ "Adiabatic process in hindi (रुद्धोष्म प्रक्रम)". इंडिया वाटर पोर्टल. 27 मई 2010. मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अप्रैल 2014.