रेल बजट
भारतीय रेल का वित्तीय प्रतिवेदन (फाइनेन्सियल स्टेटमेन्ट) प्रतिवर्ष दिया जाता था, जिसे रेल बजट कहते हैं। इसे भारत के रेल मंत्री संसद में प्रस्तुत करते थे जो मुख्य बजट के कुछ दिन पूर्व किया जाता था। २१ सितम्बर २०१६ को भारत सरकार ने निर्णय लिया कि अब से रेल बजट को आम बजट में सम्मिलित कर लिया जायेगा। इस प्रकार ९२ वर्षों से चली आ रही रेल बजट की प्रथा समाप्त कर दी गयी। १ फरवरी २०१७ को भारत का प्रथम २०१७-१८ का संयुक्त बजट पेश हुआ।