रैक्व
रैक्व एक तत्वज्ञानी ऋषि थे। वे वायु को सृष्टि का आदिकारण मानते हैं (छांदोग्य, ४-३-१-२)। गाड़ी के नीचे निवास करने के कारण रेक्व 'सयुग्वा' कहलाए (पद्म.उ. १७६)। जनश्रुति है कि राजा मृगया के समय दो हंसों के वार्तालाप में इनके पुण्य की प्रशंसा सुन, ढूँढ़ता हुआ आया और इन्हें बहुमूल्य दान देना चाहा परन्तु उसे अस्वीकार कर इन्होने उल्टे उन्हें ही अपनी गाड़ी दान में दे दी। तदनन्तर राजा ने अपनी कन्या तथा एक गाँव (स्कंद पुरान ३-१-२६) इन्हें दान में देकर तत्वज्ञान का उपदेश ग्रहण किया।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- अनामदास का पोथा - ऋषि रैक्व की कथा पर आधारित आचार्य हज़ारीप्रसाद द्विवेदी का उपन्यास