लघुभास्करीय भास्कर प्रथम द्वारा रचित गणित एवं ज्योतिष का ग्रन्थ है। शंकरनारायण ने इस पर 'लघुभास्करीयविवरण' नामक भाष्य लिखा है। उदयदिवाकर ने इसकी (लघुभास्करीय की) सुन्दरी नामक टीका लिखी है।

महाभास्करीय की तरह लघुभास्करीय में भी ८ अध्याय हैं।

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