लाइजीया सागर (Ligeia Mare) सौर मंडल के शनि ग्रह के सबसे बड़े चन्द्रमा टाइटन के उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में स्थित एक झील है। क्रैकन​ सागर के बाद यह टाइटन पर दूसरी सबसे बड़ी ज्ञात झील है। कैसिनी-होयगेन्स अंतरिक्ष यान ने इसका अकार पूरी तरह मापा था - इसकी चौड़ाई ३५० किमी और लम्बाई ४२० किमी है। इसका सतही क्षेत्रफल १,२६,००० किमी है (यानी भारत के बिहार राज्य से लगभग सवा गुना) और इसका इर्द-गिर्द का तट २,००० किमी लम्बा है। टाइटन की अन्य झीलों की तरह इसमें भी पानी की जगह मीथेन जैसे हाइड्रोकार्बन द्रवावस्था में भरे हैं।

लाइजीया सागर
Ligeia Mare

टाइटन के उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र का कंप्यूटर-रंगित चित्र जिसमें लाइजीया सागर दिख रही है। दूर बाई तरफ़ क्रैकन सागर और नीचे दाई ओर अतित्लान झील नज़र आ रही हैं।
भौगोलिक वस्तु सागर (Mare)
निर्देशांक 79°N 248°W / 79°N 248°W / 79; -248निर्देशांक: 79°N 248°W / 79°N 248°W / 79; -248
व्यास 500 किमी

प्रस्तावित शोध यान

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लाइजीया सागर का अध्ययन करने के लिए एक अंतरिक्ष शोध यान भेजने का प्रस्ताव है। यदि मंज़ूरी मिली तो टाइटन सागर शोधयान (Titan Mare Explorer, टाइटन मेर ऍक्स्प्लोरर) लाइजीया सागर में गिराया जाएगा जहाँ यह सतह पर तैरकर झील में जानकारी बटोरता हुआ घूमेगा।[1][2]

इन्हें भी देखें

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