गणित और भौतिकी में, लाप्लास का समीकरण (Laplace's equation), द्वितीय कोटि (ऑर्डर) का एक आंशिक अवकल समीकरण है। इसका नाम फ्रान्स के महान गणितज्ञ पिअरे साइमन लाप्लास (Pierre-Simon Laplace) के नाम पर पड़ा है जिन्होंने सबसे पहले इस समीकरण का अध्ययन किया था। लाप्लास समीकरण को प्रायः निम्नलिखित रीति से लिखा जाता है-

या
जहाँ को लाप्लास ऑपरेटर कहते हैं। डाइवर्जेन्स ऑपरेटर है (इसका संकेत "div" है), ग्रेडिएन्ट ऑपरेटर है (इसका संकेत "grad" है)। दो बार अवकलनीय वास्तविक-मान वाला फलन है। अतः लाप्लास ऑपरेटर किसी अदिश फलन को किसी दूसरे अदिश फलन से प्रतिचित्रित (मैप) करता है।

लाप्लास के समीकरण के सामान्य हल का सिद्धान्त विभव सिद्धान्त (potential theory) कहलाता है।

विभिन्न निर्देशांक प्रणालियों में लाप्लास समीकरण का स्वरूप संपादित करें

कार्तीय निर्देशांक में,[1]

 

बेलनाकार निर्देशांक में,[1]

 

गोलीय निर्देशांक में ,   प्रथा का पालन करते हुए,[1]

 

अधिक व्यापक रूप में, किसी स्वेच्छ वक्ररेखीय निर्देशांक में i),

 
या
 
जहाँ gij नये निर्देशांक के सापेक्ष युक्लिद का मेट्रिक टेन्सर है तथा Γ इसका क्रिस्टोफेल संकेत (Christoffel symbols) है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Griffiths, David J. Introduction to Electrodynamics. 4th ed., Pearson, 2013. Inner front cover. ISBN 978-1-108-42041-9.