जीन डो ला फांतेन (La Fontaine) (८ जुलाई १६२१ - १३ अप्रैल १६९५) फ्रांस के बाल-कथाकार एवं कवि थे।

ला फान्तेन

चैटो थिएरी (फ्रांस) में सन् 1621 में जन्मे ला फांतेन ने धर्मशास्त्र तथा कानून की शिक्षा ग्रहण की और कुछ समय बाद वे पेरिस चले गए। वहाँ उन्होंने ग्रामीण काव्यसंवाद, वीरकाव्य, गाथाकाव्य, गीतिकविता आदि लिखना प्रारंभ किया। 1665 में उनकी कहानियाँ प्रकाशित हुई। सन् 1668 से 1694 के बीच उन्होंने पंचतंत्र के ढंग की कल्पित कथाओं की 12 पुस्तकें प्रकाशित कराई। सन् 1695 में उसकी मृत्यु हो गई।

अपने प्रकृतिप्रेम, मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि तथा आह्लादकारी हास्य विनोद के कारण उसने इन कल्पित आख्ययिकाओं के रूप रंग में नया विस्तार किया। नैतिक उपदेशक के रूप में वह प्राय: निराशावादी था किंतु मनुष्य की कमजोरियों की जानकारी के बावजूद उसमें कटुता नहीं आ पाई। सुख प्राप्ति के इच्छुक लोगों को उसने एकांतवास तथा प्रकृतिसंपर्क में रहने की सलाह दी है। वह उस समय का महान कलाकार था जब सौभाग्य से चौदहवें लूई के शासनकाल में फ्रांस में सुख्यात लेखकों की अच्छी जमात विद्यमान थी।

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