लैन्थनाइड (Lanthanide) वे तत्व हैं जो 4f-ब्लॉक के लैन्थनम (lanthenam) के बाद आते हैं। चूंकि ये तत्व लैन्थनम के बाद आते हैं, अतः इन्हें लैंथनाइड कहते हैं।

आवर्त सारणी में लैन्थनाइड तत्व
लैन्थनाइड मे संकुचन

लैन्थनाइड मे परमाणु क्रमांक बढने के साथ नाभिकीय आकर्षण तो बढ़ता जाता है लेकिन उसे संतुलन करने वाला प्ररिरक्षण प्रभाव उतना नही बढ़ता जिससे उनके आकार मे क्रमिक कमी आती है और उनके परमाणु संकुचित होते जाते हैं। इसे 'लैन्थनाइड संकुचन' कहते हैं। लेथेनाइक से पहले व लेंथनोइड के बाद आने वाले तत्व का आकार लगभग समान होता है।

लेंथेनाइड संकुचन के प्रभाव

(1) लैन्थेनाइडों के गुणों में परिवर्तन- लैन्थेनाइड संकुचन के कारण इनके रासायनिक गुणों में बहुत कम परिवर्तन होता है। अतः इन्हें शुद्ध अवस्था में प्राप्त करना अत्यन्त कठिन होता है।

(2) अन्य तत्वों के गुणों पर प्रभाव- लैन्थेनाइड संकुचन का लैन्थेनाइडों से पूर्व आने वाले तथा इनके बाद आने वाले तत्वों के आपेक्षिक गुणों पर बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, Ti और Zr के गुणों में भिन्नता होती है, जबकि Zr और Hf गुणों में काफी समानता रखते हैं।

लैन्थनाइडों के भौतिक गुण

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रासायनिक तत्व La Ce Pr Nd Pm Sm Eu Gd Tb Dy Ho Er Tm Yb Lu
परमाणु क्रमांक 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71
Image                            
घनत्व (g/cm3) 6.162 6.770 6.77 7.01 7.26 7.52 5.244 7.90 8.23 8.540 8.79 9.066 9.32 6.90 9.841
गलनांक (°C) 920 795 935 1024 1042 1072 826 1312 1356 1407 1461 1529 1545 824 1652
क्वथनांक (°C) 3464 3443 3520 3074 3000 1794 1529 3273 3230 2567 2720 2868 1950 1196 3402
परमणु इलेक्ट्रॉन विन्यास
(गैस प्रावस्था)*
5d1 4f15d1 4f3 4f4 4f5 4f6 4f7 4f75d1 4f9 4f10 4f11 4f12 4f13 4f14 4f145d1
धातु लैटिस (RT) dhcp fcc dhcp dhcp dhcp ** bcc hcp hcp hcp hcp hcp hcp fcc hcp
धातु त्रिज्या (pm) 162 181.8 182.4 181.4 183.4 180.4 208.4 180.4 177.3 178.1 176.2 176.1 175.9 193.3 173.8
25 °C पर प्रतिरोधकता (μΩ·cm) 57–80
20 °C
73 68 64 88 90 134 114 57 87 87 79 29 79
चुम्बकीय प्रवृत्ति
χmol /10−6(cm3·mol−1)
+95.9 +2500 (β) +5530(α) +5930 (α) +1278(α) +30900 +185000
(350 K)
+170000 (α) +98000 +72900 +48000 +24700 +67 (β) +183

* Between initial Xe and final 6s2 electronic shells

** Sm has a close packed structure like most of the lanthanides but has an unusual 9 layer repeat

Gschneider and Daane (1988) attribute the trend in melting point which increases across the series, (lanthanum (920 °C) – lutetium (1622 °C)) to the extent of hybridization of the 6s, 5d, and 4f orbitals. The hybridization is believed to be at its greatest for cerium, which has the lowest melting point of all, 795 °C.[1] The lanthanide metals are soft; their hardness increases across the series.[2] Europium stands out, as it has the lowest density in the series at 5.24 g/cm3 and the largest metallic radius in the series at 208.4 pm. It can be compared to barium, which has a metallic radius of 222 pm. It is believed that the metal contains the larger Eu2+ ion and that there are only two electrons in the conduction band. Ytterbium also has a large metallic radius, and a similar explanation is suggested.[2] The resistivities of the lanthanide metals are relatively high, ranging from 29 to 134 μΩ·cm. These values can be compared to a good conductor such as aluminium, which has a resistivity of 2.655 μΩ·cm. With the exceptions of La, Yb, and Lu (which have no unpaired f electrons), the lanthanides are strongly paramagnetic, and this is reflected in their magnetic susceptibilities. Gadolinium becomes ferromagnetic at below 16 °C (Curie point). The other heavier lanthanides – terbium, dysprosium, holmium, erbium, thulium, and ytterbium – become ferromagnetic at much lower temperatures.[3]


  1. Krishnamurthy, Nagaiyar and Gupta, Chiranjib Kumar (2004) Extractive Metallurgy of Rare Earths, CRC Press, ISBN 0-415-33340-7
  2. साँचा:Greenwood&Earnshaw2nd
  3. Cullity, B. D. and Graham, C. D. (2011) Introduction to Magnetic Materials, John Wiley & Sons, ISBN 9781118211496