लोबसांग सांगेय

निर्वासन में तिब्बती सरकार के प्रधान मंत्री

लोबसांग सांगेय (तिब्बती: བློ་བཟང་སེང་གེ / ब्लो་बजङ་सेङ་गे = दयालु सिंह ; जन्म १९६८), केन्द्रीय तिब्बती प्रशासन के प्रधानमन्त्री हैं। तिब्बत की निर्वासित सरकार के दूसरे प्रधानमंत्री जिन्हें तिब्बत के राजनितिक एवं आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा करने के बाद प्रधानमंत्री के रूप में दुनिया भर में फैले तिब्बत के लोगों ने चुना। उन्होंने धर्मशाला में ८ अगस्त २०११ को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। वे लगातार दूसरी बार 27 अप्रैल 2016 को केंद्रीय तिब्बत प्रशासन के चुनाव आयोग द्वारा तिब्बत चुनावों के अंतिम परिणामों की घोषणा के आधार पर तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री चुने गए।[1][2]

लोबसांग सांगेय
བློ་བཟང་སེང་གེ་

लोबसांग सांगेय


केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के प्रधानमंत्री
पदस्थ
कार्यभार ग्रहण 
8 अगस्त 2011
शासक तेनजिन ग्यात्सो
पूर्व अधिकारी लोबसांग तेनजिन

जन्म 1968 (आयु 55–56)
दार्जिलिंग, भारत
राजनैतिक पार्टी नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी
विद्या अर्जन दिल्ली विश्वविद्यालय
हार्वर्ड विश्वविद्यालय
धर्म बौद्ध धर्म

दार्जिलिंग में जन्मे सांगे ने उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका जाने से पूर्व दिल्ली में पढ़ाई की थी। वे हार्वर्ड लॉ स्कूल में सीनियर फैलो रह चुके हैं। सांगे सिक्किम की नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य हैं। वे 8 अगस्त 2011 से निर्वासित तिब्बती सरकार के सिक्योंग (प्रधानमंत्री) हैं.

लोबसांग सांगेय (सन २०१२ में)
  1. "Lobsang Sangay facebook page" [लोबसांग सांगेय फेसबूक पृष्ठ]. फेसबूक (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 19 दिसंबर 2011.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अप्रैल 2016.

इन्हें भी देखें

संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें