भौतिक विज्ञान में लोरेन्ट्स रूपांतरण (अंग्रेज़ी: Lorentz transformation) नामकरण डच भौतिक विज्ञानी हेंड्रिक लारेंज़ के सम्मान में किया गया। यह लारेंज़ और साथियों द्वारा निर्देश तंत्र से स्वतंत्र प्रकाश का वेग प्रेक्षिण की व्याख्या करने करने का परिणाम है। लोरेन्ट्स रूपांतरण विशिष्ट आपेक्षिकता के अनुरूप है लेकिन विशिष्ट आपेक्षिकता से पूर्व ही व्यूत्पन्न किए गये।

रूपांतरण दो भिन्न प्रेक्षकों द्वारा मापित प्रेक्षित दिक् (समष्टि) और काल (समय) का उल्लेख करते हैं।

वोल्डेमार वोइट, जॉर्ज फ़िट्ज़गेराल्ड, जोसेफ लारमोर और हेंड्रिक लोरेन्ट्स सहित विभिन्न भौतिक विज्ञानियों ने १८८७ तक केवल तीन समीकरणों पर आधारित भौतिकी पर विवेचन करते थे।[1]

मानक विन्यास में निर्देश के लिए लोरेन्ट्स रूपांतरण

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x-अक्ष की दिशा में गतिशील कण

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यह इसका सरलतम रूप है। मानक रूप में लोरेन्ट्स रूपांतरण को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है[2] and[3]

 

जहाँ:

दिक्-काल अन्तराल

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ये भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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  1. ओकोन्नोर, जॉन जे॰; रॉबर्टसन, एड्मुंड एफ॰, A History of Special Relativity [विशिष्ट आपेक्षिकता का इतिहास] (अंग्रेज़ी में), मूल से 9 दिसंबर 2013 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2014
  2. Dynamics and Relativity, J.R. Forshaw, A.G. Smith, Manchester Physics Series, John Wiley & Sons Ltd, ISBN 978-0-470-01460-8
  3. http://hyperphysics.phy-astr.gsu.edu/hbase/hframe.html Archived 2017-09-27 at the वेबैक मशीन. Hyperphysics, web-based physics matrial hosted by Georgia State University, USA.

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