वक्र आसंजन या वक्र बैठाना (Curve fitting) एक गणितीय प्रक्रिया है जिसमें किसी दिये हुए आंकड़े के आधार पर एक वक्र की रचना करना या एक गणितीय फलन की गणना करना होता है जो इन आंकड़ों से सर्वाधिक शुद्धतापूर्वक मेल खाता हो (best fit)। वैज्ञानिकों, इंजीनियरों एवं अन्य प्रायोगिक कार्य करने वालों को प्रयोग से प्राप्त आंकड़ों पर वक्र बैठाने की बहुत जरूरत पड़ती है। समुचित वक्र फिट करने से आंकड़ों में छिपा हुआ रहस्य बहुत हद तक साफ दिखने लगता है। कर्व फिटिंग करने से इन आंकड़ों से सम्बन्धित प्रक्रिया या फेनामेना का मॉडल तैयार करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा वक्र बैठाने से उस आंकड़े में छिपी बहुत सी विशेषताएँ आसानी से ज्ञात की जा सकतीं हैं; जैसे किसी बिन्दु पर अवकलज (derivative), स्थानीय अधिकतमन्यूनतम बिन्दु, वक्र के अन्दर आने वाला क्षेत्रफल (समाकलन द्वारा) आदि।

Fitting of a noisy curve by an asymmetrical peak model, with an iterative process (Gauss–Newton algorithm with variable damping factor α).
Top: raw data and model.
Bottom: evolution of the normalised sum of the squares of the errors.
चित्र:CurveFit.gif
किसी प्रयोग के दौरान प्राप्त आंकड़े पर उनका प्रतिनिधित्व करने वाली सरल रेखा फिट की गयी है।

बिन्दुओं (१,२), (२,४), (३,५), (४,७), (५,९) का सर्वाधिक शुद्धता से प्रतिनिधित्व करने वाली सरल रेखा का समीकरण निकालो।

वक्र बैठाने में दो तरह की स्थितियाँ हो सकतीं हैं-

  1. प्रयोगकर्ता को पता है कि ये आंकड़े किस तरह के वक्र को अभिव्यक्त करते हैं; जैसे वह जानता है कि अमुक आंकड़े किसी इक्स्पोनेंसियल वक्र को अभिव्यकत करते है न कि सरल रेखा को। इसलिये वह उसमें इक्सपोनेंसियल वक्र (y=a . exp(bx)) फिट करना और पैरामीटर a और b का सम्यक मान प्राप्त करने का प्रयत्न करता है।
  2. ऐसा भी हो सकता है कि प्रयोगकर्ता को आकड़ों की प्रकृति के बारे में कुछ भी पता न हो - वह नहीं जानता कि ये आंकड़े एक सरल रेखा को अभिव्यक्त (रिप्रेजेन्ट) करते हैं या एक लघुगणकीय वक्र को, या एक परवलय को या कुछ और। इस स्थिति में वह यह जानना चाहेगा कि इनमें से कौन सा वक्र इन आंकड़ों को अधिक शुद्धता के साथ अभिव्यक्त करती है।

वक्र बैठाने की विधि

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वक्र बैठाने के लिये हम कोई फलन परिभाषित करते हैं (जैसे (y=a . exp(b.x)) जो कि कुछ पैरामीटरों से युक्त होता है। इन पैरामीटरों का वह मान ज्ञात किया जाता है जिनके लिये यह फलन दिये हुए बिन्दुओं को सर्वाधिक शुद्धता से (या कम से कम त्रुटि से) अभिव्यक्त करे। इसके लिये अन्य विधियों के अलावा न्यूनतम वर्ग विधि (method of least squares]] प्रयोग में लायी जाती है।

  • इन्टरपोलेशन - इसमें ऐसा वक्र (का समीकरण) प्राप्त करना होता है दिये हुए सभी बिन्दुओं से होकर जाय। दो बिन्दुओं के बीच में अन्य बहुत से बिन्दुओं का पता लगाना इस प्रक्रिया का उद्देश्य होता है।
  • आंकड़ों को छानना (filtering) या चिकना बनाना (smoothing) - एक ऐसे वक्र का समीकरण प्राप्त करना जो दिये हुए सभी बिन्दुओं को लगभग ठीक-ठीक अभिव्यक्त करे; इस प्रक्रिया में प्राप्त वक्र का कुछ या सभी बिन्दुओं से होकर गुजरना जरूरी नहीं है। इस प्रक्रिया को अपनाने का मूल उद्देश्य दिये गये बिन्दुओं को अपेक्षाकृत सरल वक्र के माध्यम से अभिव्यक्त करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति का दूसरा अर्थ यह भी है कि आंकड़े "चिकने" भी हो गये।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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