वजूद
वजूद 1998 की भारतीय हिन्दी फिल्म है। फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में नाना पाटेकर और माधुरी दीक्षित शामिल हैं।[1] इसका निर्देशन, कहानी लेखन और निर्माण एन चन्द्रा ने किया है।
वजूद | |
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वजूद का पोस्टर | |
निर्देशक | एन चन्द्रा |
लेखक | कमलेश पांडे (संवाद) |
निर्माता | एन चन्द्रा |
अभिनेता |
माधुरी दीक्षित, नाना पाटेकर, मुकुल देव, रम्या कृष्णन |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
11 दिसम्बर, 1998 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंमल्हार (नाना पाटेकर), जो एक गरीब टाइपिस्ट क्लर्क का बेटा है। वह एक बहुमुखी चरित्र है जो नाटकों में ट्रॉफी जीतता है लेकिन कभी उसके पिता द्वारा इसकी सराहना नहीं की जाती है। अपने कॉलेज में नाटक लिखते और निर्देशित करते समय वह एक बहुत समृद्ध लड़की अपूर्वा (माधुरी दीक्षित) से मिलता है और उसके प्यार में पागल हो जाता है। जब वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीतती है, तो वह मंच पर मल्हार को बुलाती है और उसे सारा श्रेय देती है। मल्हार इस भाव को अपूर्वा के प्यार के रूप में गलत समझता है।
इस बीच, अपूर्वा और निहाल (मुकुल देव) एक दूसरे के प्यार में पड़ते हैं। निहाल के पिता, जो एक अमीर नौकरशाह हैं, उनकी शादी करने का फैसला करते हैं। मल्हार समझता है कि यह विवाह अपूर्वा की इच्छा के खिलाफ है। उसके विरोध में निहाल के पिता गलती से मर जाते हैं। मल्हार को जेल हो जाती है। अब निहाल अपने पिता की मौत के कारण अपनी पहचान और स्थिति खो देता है। इसलिए अपूर्वा के पिता निहाल के साथ उसकी सगाई को तोड़ देते हैं।
मल्हार जेल से भाग निकलता है और फिर गलत तरीके से त्वरित पैसे कमाने लगता है। उसे सोफिया (रम्या कृष्णन) के रूप में सहयोगी मिल जाती है, जो इन अपराधों में उसकी मदद करती है। वह उससे प्यार करना शुरू कर देती है लेकिन वह अपूर्वा से प्यार करता रहता है। निहाल, जो अब एक पुलिस अधिकारी है, शहर में "अजनबी हत्यारे" के रहस्य को हल करने के लिए अब पत्रकार, अपूर्वा से मिलता है। पुलिस आयुक्त (शिवाजी साटम) स्थानीय राजनीतिक नेता और जनता की ओर से अपराधी को पकड़ने के लिए बहुत दबाव में हैं। जब सोफिया जान जाती है कि मल्हार उससे प्यार नहीं करता, बल्कि अपूर्वा से प्यार करता है, वह बहुत परेशान हो जाती है और खुद को मार देती है। आखिरकार, जब मल्हार अपूर्वा के आमने सामने आता है, तो वह उससे कहती है कि वह कभी भी उससे प्यार नहीं करती थी। दिल टूटने के बाद, मल्हार पकड़ा जाता है और अंत में नाटकीय रूप से मर जाता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- नाना पाटेकर - मल्हार गोपालदास अग्निहोत्री / कर्नल. राठी
- माधुरी दीक्षित - अपूर्वा चौधरी
- मुकुल देव - निहाल जोशी
- रम्या कृष्णन - सोफिया / शालिनी / अमीना
- जॉनी लीवर - इंस्पेक्टर रहीम खान
- जगदीप - बाघ सिंह
- कुनिका - श्रीमती चावला
- संजय मिश्रा - कंचन (कैमरा ऑपरेटर)
- परीक्षत साहनी - अभिजीत जोशी
- माया अलग - अभिजीत की पत्नी
- तेज सप्रू - अपूर्वा के बॉस
- शिवाजी साटम - मुंबई के पुलिस आयुक्त के रूप में
- गुलजार - अतिथि भूमिका में
संगीत
संपादित करेंसभी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "और हम तुम" | अलका याज्ञिक, कुमार सानु | 7:01 |
2. | "कैसे बताऊँ मैं तुम्हें" | नाना पाटेकर | 4:17 |
3. | "मैं क्या करूँ क्या करूँ" | अलका याज्ञिक | 7:23 |
4. | "मैं सोचता हूँ तुम्हारी दुनिया" | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 6:32 |
5. | "सनम तुम हम पर मरते हो" | कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण | 6:23 |
6. | "कि टूट गई तड़क करके" | कविता कृष्णमूर्ति, सपना अवस्थी | 6:37 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "इस फिल्म के रीमेक में दिख सकती है माधुरी और नाना की दमदार जोड़ी". दैनिक जागरण. 19 फरवरी 2016. मूल से 1 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्टूबर 2018.