वट्टकोट्टाई दुर्ग (या किला जिसे सर्कुलर फ़ोर्ट भी कहते हैं) भारत के दक्षिणतम राज्य तमिल नाडु राज्य के कन्याकुमारी शहर के उत्तर पूर्व में लगभग 6 किमी की दूरी पर है। इस किले का निर्माण १८वीं शताब्दी में किया गया था और त्रावणकोर राजाओं द्वारा बनवाये गए तटीय किलों में तह अन्तिम किला था। वट्टाकोट्टाई किले की दीवारों की ऊँचाई लगभग २५ फीट है और आगे की ओर मोटाई २९ फीट है। इस किले को डच जलसेना अधिकारी डी लेनॉय द्वारा बनाया गया था। यह किला पाषाण शिलाओं का बना है और इसमें आरामकक्ष, निगरानी मीनार और आयुधकक्ष स्थित है। किले के अन्दर की दीवारों पर मछलियों की आकृतियाँ बनी हैं जो पाण्ड्य राजाओं का राजचिह्न हुआ करता था।[1]

वट्टकोट्टई दुर्ग
स्थानकन्याकुमारी, भारत
निर्देशांक8°07′30″N 77°33′54″E / 8.125°N 77.565°E / 8.125; 77.565
निर्माण१८वीं शताब्दी
वास्तुशास्त्रीडच जलसेना
वट्टकोट्टई फोर्ट is located in तमिलनाडु
वट्टकोट्टई फोर्ट
तमिल नाडु, भारत में स्थान

पुरातत्ववेत्ताओं की मान्यता अनुसार यह किला पूर्व में पाण्ड्य राजाओं के अधीन था। तब पद्मनाभपुरम पैलेस किले की चोटी से यह स्पष्ट दिखाई देता था। पूर्व में किले से पैलेस तक १.२ मीटर चौड़ी एक सुरंग थी, लेकिन अब यह बन्द हो गई है। किले के ऊपर स्थित परेड ग्राउन्ड से सागर का अवलोकन होता है। परेड ग्राउन्ड के एक ओर से बंगाल की खाड़ी दूसरी ओर से अरब सागर का शान्त जल दिखाइ देता है।

  1. "वट्टाकोट्टाई किला, कन्याकुमारी". नेटिव प्लैनेट. २३ फ़रवरी २०१८. मूल से 23 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 फ़रवरी 2018.

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