स्वनविज्ञान में वर्त्स्य व्यंजन (alveolar consonant) ऐसा व्यंजन होता है जिसे उच्चारित करने के लिए जिह्वा को ऊपर के वर्त्स्य कटक से छुआ जाता है या पास लाया जाता है। इनमें 'न', 'र', , 'स' और 'ज़' शामिल हैं।[1]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Ladefoged, Peter; Maddieson, Ian (1996). The Sounds of the World's Languages. Oxford: Blackwell. ISBN 0-631-19814-8.