वल्लभसूरी
आचार्य विजय वल्लभ सूरी एक जैन संन्यासी थे। उन्होंने पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता है। वो विजयानन्दसूरी के एक शिष्य थे। उन्होंने लोगों के लिए धार्मिक और सामाजिक कार्य किये। उन्होंने सक्रिय रूप से पंजाब में कार्य किया।[1]
आचार्य विजय वल्लभ सूरी | |
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नाम (आधिकारिक) | आचार्य विजय वल्लभ सूरी |
व्यक्तिगत जानकारी | |
जन्म नाम | छगन |
जन्म |
26 अक्टूबर 1870 बड़ोदरा, गुजरात |
निर्वाण |
22 सितम्बर 1954 मुम्बई | (उम्र 83 वर्ष)
माता-पिता | दीपचन्द, इच्छाबाई |
शुरूआत | |
नव सम्बोधन | वल्लभसूरी |
सर्जक | विजयानन्दसूरी (आत्माराम) |
सर्जन तिथि | 5 मई 18871887 |
दीक्षा के बाद | |
पद | अचार्य |
परवर्ती | समुद्र सूरी |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Acharya Vijay Vallabh Suri". herenow4u.com. मूल से 8 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 नवम्बर 2013.