आचार्य विजयानन्द सूरी (1837–1896) जिन्हें आत्माराम के नाम से भी जाना जाता है, आधुनिक समय में आचार्य शीर्षक पाने वाले प्रथम श्वेताम्बर मूर्तिपुजक जैन साधु थे।[1]

आचार्य विजयानन्द सूरी
नाम (आधिकारिक) आचार्य विजयानन्द सूरी
व्यक्तिगत जानकारी
जन्म 6 अप्रैल 1837
लेहरिया, पंजाब
निर्वाण 20 मई 1896(1896-05-20) (उम्र 59 वर्ष)
गुजरांवाला, पंजाब
शुरूआत
नव सम्बोधन आनन्दविजय (पूर्व संत आत्माराम)
सर्जक मुनि बुद्धिविजय
सर्जन तिथि विक्रम संवत १९७५
दीक्षा के बाद
पद आचार्य
कार्य तत्त्व-दर्शा, आग्यन तिमिरा भास्कर और तत्त्व निर्णय प्रासाद
  1. मांगीलाल भुटोरिया, इतिहास की अमर बेल- ओसवाल, प्रियदर्शी प्रकाशन, कलकता, 1988