दर्शन के सन्दर्भ में, किसी विचार या चिन्तन की प्रक्रिया में अपने जीवनमूल्यों, हितों, पूर्वाग्रहों, कल्पना और मान्यता से परे तर्कों, तथ्यों एवं प्रमाणों को आधार मानना, वस्तुनिष्ठता (objectivity) है।