वातज स्थलरूप
वातज स्थलरूप (Aeolian landforms) पृथ्वी की सतह पर वह स्थलरूप होते हैं जो वायु प्रवाह द्वारा निर्मित हों। ऐसे स्थलरूप पृथ्वी के अलावा मंगल जैसे अन्य ग्रहों पर भी देखे गए हैं। बालुका स्तूप (ड्यून]], अर्ग, लोयस, इत्यादि इसी वातज श्रेणी में आते हैं।[1]
नामोत्पत्ति
संपादित करें"वात" हिन्दु धर्म में वायु से सम्बन्धित एक देवता हैं। यही ईरान से उत्पन्न पारसी धर्म के वायु-वात नामक यज़त (देवता) में मिलते हैं। वात शब्द हिन्दी के "वातावरण" शब्द में भी मिलता है।[2] इसी भांति वातज स्थलाकृति के लिये प्रयोगित अंग्रेज़ी नाम "Aeolian landforms" प्राचीन यूनानी देवता एयोलुस (Αἴολος, Æolus) पर आधारित है जो पवन के देवता थे।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ L. Archie, Ms. Deithra. "Aeolian Processes and Landforms" (PDF). New Mexico State University. पृ॰ 2. मूल (PDF) से 22 नवंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-08-06.
- ↑ A Vedic Reader for Students: Containing Thirty Hymns of the Rigveda in the Original Saṃhitā and Pada Texts, with Transliteration, Translation, Explanatory Notes, Introduction, Vocabulary, pp. 216, Motilal Banarsidass Publishers, 1992, ISBN 9788120810174, ... This god, as Vata, the ordinary name of wind, is addressed in two short hymns. He is invoked in a more concrete way than his doublet, Vayu, who is celebrated in one whole hymn and in parts of others ...