डॉ वामन केशव लेले (२९ मई १९३३ - १३ फरवरी २००७) संस्कृत काव्यशास्त्र और पाश्चात्त्य शैलीशास्त्र के विद्वान और समीक्षक थे। वे मराठी, संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी और गुजराती इन पाँच भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होंने अनेक ग्रन्थों की रचना की जिन्हें देश-विदेश में मान्यता मिली।

कृतियाँ संपादित करें

  • The doctrine of the tantrayukti-s : methodology of theoretico-scientific treatises in Sanskrit (१९८१)
  • भामह काव्यालङ्कार : a stylistical and methodological study (१९९९)
  • क्षेमेन्द्रकृत कविकण्ठाभरण (१९६६)
  • Study of काव्यालङ्कारसूत्रवृत्ति of वामन
  • काव्य, शास्त्र, व संस्कृति : विविध विषयावरील विवेचक लेखांचा सङ्ग्रह (१९७०)
  • मुक्तेश्वरकृत स्फुटकाव्ये : व्वेचक प्रस्तावना, मूल संकलित, पाठभेद, व विस्तृत टीपा यांसह
  • गजेन्द्रमोक्ष : संस्कृत व मराठी हस्तलिखितांच्या आधारे अभ्यास
  • Methodology of ancient Indian sciences
  • Study of scientific elements in Sanskrit poetics and alied literature
  • भारतीय काव्यशास्त्राची उत्क्रान्ति : प्रथम युग (१९७०)
  • काव्यसूत्रसंहिता by गुलाबराव
  • वाग्विलास : कवि मोरया ह्यांच्या विवाडक कवितांचा संग्रह
  • भाषा : स्वरूप, सामर्थ्य व सौन्दर्य
  • Reflections on creative writing
  • वाक्यकोश : मराठी इंग्रेजी व्यावहारिक वाक्यकोश
  • शाकुन्तल शैलीशास्त्रीय अभ्यास (१९९७)
  • काव्यसूत्रसंहिता : श्रीगुलाबरावमहाराज जन्मशताब्दी प्रकाशन (1981)
  • Feflections on creative writing (२००३)
  • क्षेमेन्द्रप्रणीत औचित्य स्द्धान्त आणि औचित्यविचारचर्चा (१९६६)
  • ज्ञानेश्वरीचा शास्त्रीय अभ्यास (१९८६)
  • भाषा साहित्य व शास्त्र : कही विचार (१९९१)[1]

सन्दर्भ संपादित करें