वामन शिवराम आप्टे
वामन शिवराम आप्टे (1858-1892) संस्कृत के महान पंडित एवं शिक्षाविद थे। उनके द्वारा रचित ग्रन्थों में "स्टूडेंट्स् गाइड टु संस्कृत कांपोज़ीशन" तथा इंग्लिश-संस्कृत और संस्कृत-इंग्लिश कोश विशेष प्रसिद्ध हैं। इनमें प्रथम पुस्तक के रूप में उनकी कीर्ति चिरस्थायी है। इस पुस्तक में संस्कृत वाक्यरचना के संबंध में उनके विचार नवीन हैं और उनकी बुद्धिमत्ता के परिचायक हैं। यह पुस्तक भारत में ही नहीं, बाहर भी सर्वत्र मान्य है।
जीवनी
संपादित करेंवामन शिवराम आप्टे का जन्म सन् १८५८ में कोंकण के सावन्तवाड़ी रियासत के आसोलीपाल (Asolopal (Banda Pets)) नामक एक छोटे से गाँव में एक समृद्ध परिवार में हुआ था। उनकी प्राथमिक शिक्षा गाँव में ही हुई। उनके पिताजी एक अत्यन्त सज्जन पण्डित थे। जब वे आठ वर्ष के थे तभी उनके पिताजी का देहान्त हो गया। उनकी माताजी अपने दोनो बेटों (वामन और उनके बड़े भाई) के साथ कोल्हापुर आ गयीं और बड़ी कठिनाई से अपने दोनो बेटों का पालन-पोषण किया। किन्तु तीन वर्ष के भीतर ही उनका और उनके बड़े बेटे का भी देहान्त हो गया और इस प्रकार वामन अनाथ हो गये।
वामन बड़े ही मेधावी एवं बुद्धिमान थे। उनकी मेधा से प्रभावित राजाराम हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक श्री एम एम् कुन्टे ने उनकी सहायता की। इस प्रकार वामन का स्कूली जीवन बिना कठिनाई के पार हो गया। उन्होने सन् १९७३ में मैट्रिक की परीक्षा ९०% से भी अधिक अंकों से उत्तीर्ण की।
प्रो कीलहोर्न (Prof. Kielhorn) चाहते थे कि वामन सीधे उनके साथ रहकर डेकन कॉलेज में पढ़ें। वहाँ भी वामन ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की और सन् १८७७ में बीए की परीक्षा में भाऊ दाई संस्कृत पुरस्कार जीता। इसके बाद गणित में एम ए की परीक्षा सन् १८७९ में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और भगवानदास छात्रवृत्ति पाई।
इनती योग्यता और प्रतिभा के बल पर वामन चाहते तो उन्हे बहुत अच्छी सरकारी नौकरी मिल जाती। किन्तु उनके मन में देशभक्ति की प्रबल भावना थी। आधुनिक मराठी एवं राष्ट्रीय शिक्षा के जनक विष्णु शास्त्री चिपलूणकर ने उनकी इस भावना को और भी प्रबल किया। इस प्रकार वामन जी ने निश्चय किया कि वे राष्ट्रीय शिक्षा के लिये काम करेंगे। उन्होने सन् १८८० में न्यू इंग्लिश स्कूल के संस्थापकों के साथ मिलकर इसका काम आगे बढ़ाया।
1881 में "केसरी" और "मराठा" पत्रों का जन्म हुआ। उन्होंने इन पत्रों तथा न्यू इंग्लिश स्कूल के चलाने में विष्णु शास्त्री चिपलूणकर, लोकमान्य तिलक, गोपालराव आगरकर तथा महादेवराव नामजोशी के साथ मिलकर कार्य किया था। न्यू इंग्लिश स्कूल की सेवा आपने अध्यापक और व्यवस्थापक के रूप में की। इस स्कूल के अनुशासन की ख्याति सर्वत्र थी। 1882 में सरकारी शिक्षा आयोग के सम्मुख उन्होंने अपने विचार प्रस्तुत किए थे।
1885 में वे फर्ग्यूसन कॉलेज के प्रधानाध्यपक नियुक्त हुए। इस कॉलेज की वर्धमान प्रतिष्ठा और कीर्ति के पीछे उनका निरन्तर उद्योग और प्रयत्न था।
९ अगस्त १८९२ में ३४ वर्ष की अल्पायु में उनका निधन हो गया।
पारिवारिक जीवन
संपादित करेंउनके पारिवारिक जीवन के विषय में बहुत कम ज्ञात है। सन १८७६ में १९ वर्ष की अवस्था में उनका विवाह हुआ। उनकी पत्नी प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जी वी जोशी (उपाख्य 'सार्वजनिक काका' ; 1851-1911) की पुत्री थीं और विवाह के समय उनकी आयु ८ वर्ष थी। श्री आपटे की एक ही कन्या थी जिसका नाम 'गोदावरी' था। बचपन में ही गोदावरी का विवाह तासगाँव के परशुराम दामोदर जोग के साथ हुआ।
कृतियाँ
संपादित करें- द स्टुडेण्ट्स गाइड टू संस्कृत कम्पोजिशन (1881)
- द स्टुडेण्ट्स हैण्डबुक ऑफ प्रोग्रेसिव इक्सरसाइजेज, भाग-१, भाग-२
- द स्टुडेण्ट्स इंग्लिश-संस्कृत डिक्शनरी (1884) : ISBN 9788120800458.
- द स्टुडेण्ट्स संस्कृत-इंग्लिश डिक्शनरी
- द प्रैक्टिकल संस्कृत-इंग्लिश डिक्शनरी (1890) : ISBN 9788120815681
- कुसुम-माला (1891)
शिक्षणविषयक विचार
संपादित करेंवामन शिवराम आप्टे के शिक्षण से सम्बन्धित कुछ विचार ये हैं-
- शिक्षण उत्तरोत्तर निःशुल्क किया जाना चाहिये।
- सरकारी शिक्षण पद्धति में परिवर्तन और प्रगति होनी चाहिये।
- अशासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक स्वतन्त्रता होनी चाहिये।
- सरकार के अनुदान से चलने वाले संस्थानों के आन्तरिक प्रशासन में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये।
- शिक्षण का माध्यम मातृभाषा ही होनी चाहिये।
- शिक्षण का आदर्श भारतीय हो।
- पाठ्यपुस्तकें भारतीय विद्याओं से परिपूर्ण होनी चाहिये।
- अंग्रेजी आदि विषयों का शिक्षण भारतीयों के अधीन होना चाहिये।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- संस्कृत-हिन्दी कोश (राज संस्करण) (गूगल पुस्तक ; रचनाकार - वामन शिवराम आप्टे)
- द स्टुडेण्ट्स संस्कृत-इंग्लिश डिक्शनरी (गूगल पुस्तक)
- आप्टे संस्कृत-अंग्रेजी कोश[मृत कड़ियाँ] (१६ एम बी ; टेक्स्ट फाइल ; बेबीलोन शैली)
- आप्टे अंग्रेजी-संस्कृत शब्दकोश (आनलाइन)
- The Student's English-Sanskrit Dictionary (गूगल पुस्तक ; लेखक - Vaman Shivaram Apte)
- The student's English-Sanskrit dictionary
- द प्रैक्टिकल इंग्लिश-संस्कृत डिक्शनरी (archive.org)
- The Student`s Guide to Sanskrit Composition : Preface and Introductory
- The Student`s Guide to Sanskrit Composition : Lesson I
- The Student`s Guide to Sanskrit Composition : Lesson II
- The Student`s Guide to Sanskrit Composition : Lesson III
- The Student`s Guide to Sanskrit Composition : Lesson IV
- The Student`s Guide to Sanskrit Composition : Lesson V
- The Student`s Guide to Sanskrit Composition : Lesson VI
- The Student`s Guide to Sanskrit Composition : Lesson VII