तकबीर संपादित करें

तकबीर का प्रयोग अज़ान के रूप में लोगों को नमाज़ के लिए पुकारने के उद्देश्य से किया जाता है। ●सामूहिक नमाज़ में इमाम (नमाज़ का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति) इस वाक्य का प्रयोग नमाज़ की नियत बंधने और नमाज़ के दौरान अलग अलग आसन के ग्रहण करने के निर्देश अनुयाइयों को देने के लिए करता है।

●मुसलमानों की मान्यता के मुताबिक़ वह जीवन के हर संघर्ष में इस नारे का प्रयोग अपने अंदर ईमान की चैतना को मज़बूत बनाने के लिए करते हैं।चेतना इस बात की कि हमारे जीवन का हर संघर्ष अपने किसी निजिगत लाभ के लिए नहीं है बल्कि केवल ईश्वर की मर्ज़ी को पूरा करने के लिए कर रहे है। एक दिन हमें उस ईश्वर की तरफ ही पलट कर जाना है, इसलिये हमें हर उस तरीके से बचना है जो ईश्वर की निगाह में हमें मुजरिम बना देने की वजह बने। Mohd kafeel Faridi (वार्ता) 19:03, 19 अगस्त 2020 (UTC)उत्तर दें

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