स्वागत!  नमस्कार Mohd kafeel Faridi जी! आपका हिन्दी विकिपीडिया में स्वागत है।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 15:02, 12 अगस्त 2020 (UTC)उत्तर दें

August 2020 संपादित करें

  कृपया विकिपीडिया में अरचनात्मक संपादन करने से बचें। आपके संपादन विघटनकारी प्रतीत होते हैं और पूर्ववत या हटा दिये गए हैं।

  • यदि आप किसी अन्य संपादक के साथ किसी लेख की सामग्री के उपर विवाद रखते हैं तो कृपया इस विषय पर संपादक के साथ उनके चर्चा पृष्ठ या लेख के चर्चा पृष्ठ पर चर्चा करें।
  • यदि विवाद किसी अन्य चीज के उपर है तो कृपया विकिपीडिया के प्रबन्धक सूचनापट पर सहायता प्राप्त करें।

कृपया सुनिश्चित करें कि आप विकिपीडिया की नीतियों और दिशानिर्देशों से परिचित हैं। जब तक विवाद आम सहमति के माध्यम से सुलझाया नहीं जाता, कृपया विघटनकारी प्रतीत होने वाले संपादन जारी न रखें। विघटनकारी रूप से संपादन करना जारी रखने पर परिणामस्वरूप आपके संपादन विशेषाधिकार को छीना जा सकता है। धन्यवाद। QueerEcofeminist "cite! even if you fight"!!! [they/them/their] 06:30, 13 अगस्त 2020 (UTC)उत्तर दें

तकबीर संपादित करें

तकबीर का प्रयोग अज़ान के रूप में लोगों को नमाज़ के लिए पुकारने के उद्देश्य से किया जाता है। सामूहिक नमाज़ में इमाम (नमाज़ का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति) इस वाक्य का प्रयोग नमाज़ की नियत बंधने और नमाज़ के दौरान अलग अलग आसन के ग्रहण करने के निर्देश अनुयाइयों को देने के लिए करता है। अक्सर मुस्लिम मुल्क अपने ध्वज में इस शब्द (अल्लाहू अकबर ) का प्रयोग करते हैं। मुसलमानों की मान्यता के मुताबिक़ वह जीवन के हर संघर्ष में इस नारे का प्रयोग अपने अंदर ईमान की चैतना को मज़बूत बनाने के लिए करते हैं।चेतना इस बात की कि हमारे जीवन का हर संघर्ष अपने किसी निजिगत लाभ के लिए नहीं है बल्कि केवल ईश्वर की मर्ज़ी को पूरा करने के लिए कर रहे है। एक दिन हमें उस ईश्वर की तरफ ही पलट कर जाना है, इसलिये हमें हर उस तरीके से बचना है जो ईश्वर की निगाह में हमें मुजरिम बना देने की वजह बने। इस प्रकार अगर एक व्यक्ति या समूह अपने जीवन के संघर्ष का उद्देश्य ईश्वर की रज़ा स्थापित करने की बजाय अपना प्रभुत्व स्थापित करना बनाया हुआ हो, या उस का तरीक़ा अन्याय या अत्याचार पर आधारित हो,उस को अधिकार नहीं की वह इस शब्द का प्रयोग अपने नारों या अपने ध्वज में करे। इस्लामी शिक्षाओं से प्रेरित अली बिन अब्दुल मुत्तलिब ने अपने दुश्मन को काबू में आने के बाद इसलिए छोड़ दिया कि दुश्मन ने उन के मुंह पर थूक दिया।अली र● ने महसूस किया की अब इस के साथ मेरी निजिगत नफरत, मेरे उद्देश्य को प्रदूषित कर चुकी है, जबकि में इससे केवल ईश्वर की इच्छा के लिए जंग कर रहा था। Mohd kafeel Faridi (वार्ता) 18:18, 13 अगस्त 2020 (UTC)उत्तर दें