Mohd kafeel Faridi के सदस्य योगदान
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1 सितंबर 2020
- 18:4618:46, 1 सितंबर 2020 अन्तर इतिहास −6 तकबीर No edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 18:4418:44, 1 सितंबर 2020 अन्तर इतिहास +3,264 तकबीर ●तकबीर का प्रयोग अज़ान के रूप में लोगों को नमाज़ के लिए पुकारने के उद्देश्य से किया जाता है। ●सामूहिक नमाज़ में इमाम (नमाज़ का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति) इस वाक्य का प्रयोग नमाज़ की नियत बंधने और नमाज़ के दौरान अलग अलग आसन के ग्रहण करने के निर्देश अनुयाइयों को देने के लिए करता है। ●मुसलमानों की मान्यता के मुताबिक़ वह जीवन के हर संघर्ष में इस नारे का प्रयोग अपने अंदर ईमान की चैतना को मज़बूत बनाने के लिए करते हैं।चेतना इस बात की कि हमारे जीवन का हर संघर्ष अपने किसी निजिगत लाभ के लिए नहीं है ब... टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
19 अगस्त 2020
- 19:0319:03, 19 अगस्त 2020 अन्तर इतिहास +1,968 वार्ता:तकबीर →तकबीर: नया अनुभाग वर्तमान टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
15 अगस्त 2020
- 08:5208:52, 15 अगस्त 2020 अन्तर इतिहास +6 तकबीर No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 08:5208:52, 15 अगस्त 2020 अन्तर इतिहास +3,074 तकबीर ●तकबीर का प्रयोग अज़ान के रूप में लोगों को नमाज़ के लिए पुकारने के उद्देश्य से किया जाता है। ●सामूहिक नमाज़ में इमाम (नमाज़ का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति) इस वाक्य का प्रयोग नमाज़ की नियत बंधने और नमाज़ के दौरान अलग अलग आसन के ग्रहण करने के निर्देश अनुयाइयों को देने के लिए करता है। ●मुसलमानों की मान्यता के मुताबिक़ वह जीवन के हर संघर्ष में इस नारे का प्रयोग अपने अंदर ईमान की चैतना को मज़बूत बनाने के लिए करते हैं।चेतना इस बात की कि हमारे जीवन का हर संघर्ष अपने किसी निजिगत लाभ के लिए नहीं है ब... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
13 अगस्त 2020
- 18:4018:40, 13 अगस्त 2020 अन्तर इतिहास +57 न सदस्य:Mohd kafeel Faridi नया पृष्ठ: सही जानकारी का संपादन वर्तमान टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 18:1818:18, 13 अगस्त 2020 अन्तर इतिहास +3,592 सदस्य वार्ता:Mohd kafeel Faridi →तकबीर: नया अनुभाग वर्तमान टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 06:2306:23, 13 अगस्त 2020 अन्तर इतिहास +2,162 छो तकबीर तकबीर का प्रयोग अज़ान के रूप में लोगों को नमाज़ के लिए पुकारने के उद्देश्य से किया जाता है। सामूहिक नमाज़ में इमाम (नमाज़ का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति) इस वाक्य का प्रयोग नमाज़ की नियत बंधने और नमाज़ के दौरान अलग अलग आसन के ग्रहण करने के निर्देश अनुयाइयों को देने के लिए करता है। अक्सर मुस्लिम मुल्क अपने ध्वज में इस शब्द (अल्लाहू अकबर ) का प्रयोग करते हैं। मुसलमानों की मान्यता के मुताबिक़ वह जीवन के हर संघर्ष में इस नारे का प्रयोग अपने अंदर ईमान की चैतना को मज़बूत बनाने के लिए करते हैं।चेतना... टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन