वार्ता:पराप्राकृतिक संवाद

Latest comment: 8 वर्ष पहले by रघुबीर सिंह in topic कुछ सुझाव

नया लेख है आशा है सदस्य इसे सुधारने में सहायता करेंगे। (रघुबीर सिंह (वार्ता) 20:03, 13 मार्च 2016 (UTC))उत्तर दें

@रघुबीर सिंह: जी, आशा हैं आप अच्छे हैं। आपके बनाए लेख बहुत सूचनात्मक हैं, पर कुछ जगह पर लहजा विकिपीडिया के दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं है। इसलिए आप एक बार इस विषय पर अंग्रेज़ी लेख Revelation को देख लीजिए। इस से आपको समझ आ जाएगा कि विकिपीडिया पर लेखों का लहजा कैसा होना चाहिए। आशा है आपको मदद मिलेगी --गौरव (वार्ता) 21:56, 13 मार्च 2016 (UTC)उत्तर दें
धन्यवाद गौरव जी, में आपके सुझाव का सम्मान करता हूँ और लेख में अवश्य परिवर्तन लाने का यत्न करूँगा; इस लेख को जो आपने सुझाया है पढूंगा; वास्तव में मेरा उद्देश्य इन पुराने विचारों को ऐसे ही प्रस्तुत करना नहीं है, अपितु उन्हें नयी खोजों के सन्दर्भ में प्रस्तुत करना है, जिससे पाठकों को भुत-प्रेत में विश्वास के प्रति एक नयी जिज्ञासा हो; सम्भव है यहाँ मेरी सोच विकिपीडिया की सोच से मेल न खाए; किन्तु मुझे लगा की विकिपीडिया स्थिर नहीं बदलाव को भी महत्त्व देगा; आशा है इसे एक वार्तालाप के रूप में लेंगे; मेरा लेखन कमज़ोर है इसे सुधारने में आप सब सदस्यों का साथ मिलेगा ऐसी आशा है; एक बार फिर बहुत धन्यवाद। (रघुबीर सिंह (वार्ता) 11:26, 14 मार्च 2016 (UTC))उत्तर दें
@रघुबीर सिंह: जी, मुझे माफ़ कीजिए। कल रात मैंने आपका लेख ध्यान से पढ़े बिना ही कह दिया कि कुछ जगह पर लहजा विकिपीडिया के दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं है। आज ध्यान से पढ़ा तो पाया कि इसमें कोई भी समस्या नहीं है। --गौरव (वार्ता) 15:51, 14 मार्च 2016 (UTC)उत्तर दें
@रघुबीर सिंह: जी, आपकी सोच विकिपीडिया की सोच से पूरी तरह से मेल खाती है - 1) आलोकिक तत्वों के अस्तित्व के बारे में विकिपीडिया कभी भी कोई दावा नहीं करती। विकिपीडिया बस ये कहती है की बहुत से लोग इनमें विश्वास करते हैं। 2) साथ में विकिपीडिया इनके बारे में वैज्ञानिक नजरिया भी बताती है। आपके लेखों में भी ये दोनों चीजें हैं। इसलिए आपके लेख विकिपीडिया के लिए काफी मूल्यवान हैं। --गौरव (वार्ता) 16:19, 14 मार्च 2016 (UTC)उत्तर दें
प्रिय गौरव जी, आपने मेरा हौसला और बढाया, धन्यवाद; वास्तव में मैं इसे आपके पराप्राकृतिक के तर्क से इसे जोड़ना चाह रहा हूँ; जो जोड़/विलय आपने सुझाया उसे मैंने भी पढ़ा था, किन्तु में उससे सहमत नहीं था, इसलिए मैंने पराप्राकृतिक संवाद शीर्षक रखा; इसके अंतर्गत गांव के चेले या गुर के माध्यम से देवी-देवता के साथ संवाद से लेकर रामकृष्ण परमहंस के संवाद आयेंगे। आधुनिक मनोविज्ञान के जनक विलिअम जेम्स का मानना था कि, विज्ञान एक तरीका है विश्वास नहीं, उसका दायरा जितना बढ़ा सकते हैं बढ़ाना चाहिए, में इससे सहमत हूँ। (रघुबीर सिंह (वार्ता) 16:52, 14 मार्च 2016 (UTC))उत्तर दें
आशा है आप मार्गदर्शन करते रहेंगे; और इस लेख को भी पराप्राकृतिक से जोड़ेंगे, उसमें बदलाव है; नयी खोज जो मैंने उदधृत की है उसमें लोग supernatural का प्रयोग कर रहे है। यह शब्द एक तरह से neutral है। में लेख को सुधारने का भरसक प्रयास करूँगा, और आपका साथ रहेगा, ऐसा में सोचता हूँ। (रघुबीर सिंह (वार्ता) 16:52, 14 मार्च 2016 (UTC))उत्तर दें
प्रिय रघुबीर सिंह जी, इस विषय में आपका ज्ञान मुझ से बहुत ज्याद है। इसलिए शायद मैं आपकी ज्यादा मदद न कर पाऊँ। मैं आपको विकिपीडिया की नीतियों के बारे में बताता रहूँगा। आशा है इससे आपको मदद मिलेगी। --गौरव (वार्ता) 17:46, 14 मार्च 2016 (UTC)उत्तर दें
रघुबीर सिंह जी, अगर आप दैवीय ज्ञान लेख में लिखी कुछ बातों से सहमत नहीं हैं, तो आप उस लेख में भी परिवर्तन कर सकते हैं। पर अगर दोनों लेख एक ही विषय पर हैं, तो इनका विलय करना ही बेहतर है। हालांकि, दोनों लेख एक विषय पर हैं या नहीं, उसकी समझ आपको मुझ से ज्यादा है। इसलिए फैसला आप ही लीजिए। --गौरव (वार्ता) 18:07, 14 मार्च 2016 (UTC)उत्तर दें
मुझे अत्यधिक प्रसन्नता हुई, नहीं तो में समझ बैठा था शायद में कुछ अपनी बात मनवाना चाहता हूँ; आपका सुझाव उचित है, दोनों पन्नो के विलय करने की आपको छूट है। मुझे कोई आपति नहीं होगी। (रघुबीर सिंह (वार्ता) 18:29, 14 मार्च 2016 (UTC))उत्तर दें

कुछ सुझाव

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@रघुबीर सिंह: जी, ये देखिए। मैं पूरा लेख पढ़ने के बाद और भी सुझाव दूंगा।

  1. पहले वाक्य "पराप्राकृतिक संवाद" को परिभाषित कीजिए जैसे Revelation में किया गया है।
  2. लेख में ये पंक्ति है "मानव आदिकाल से पराप्राकृतिक तत्वों और शक्तियों से संवाद करता आया है"। क्या सच में मानव पराप्राकृतिक तत्वों और शक्तियों से संवाद करते थे? या उन्हें भ्रम होता था कि वे संवाद कर रहे हैं? दूसरे शब्दों में – क्या ये जाँचा जा सकता है कि वे सच में मानव पराप्राकृतिक तत्वों और शक्तियों से संवाद करते थे। अगर नहीं, तो इस वाक्य को WP:ASSERT के हिसाब से लिखा जाना चाहिए। --गौरव (वार्ता) 17:55, 14 मार्च 2016 (UTC)उत्तर दें
गौरव जी धन्यवाद, में पूरी कोशीश करूँगा इन बदलावों को लाने की; आप के और भी सुझाव सम्म्न्नीय होंगे; आपने समय दिया में आभारी हूँ। (रघुबीर सिंह (वार्ता) 18:29, 14 मार्च 2016 (UTC))उत्तर दें
प्रिय गौरव जी आपके सुझाव सटीक थे, कुछ परिवर्तन किये हैं, समय लगे तो ज़रूर देखें; मुझे लगा की में बहुत संक्षेप में बातें बता रहा हूँ, इसमें भी सूधार करूँगा। आपसे अनुरोध हैं कि निर्देश देना न भूलें। (रघुबीर सिंह (वार्ता) 18:39, 15 मार्च 2016 (UTC))उत्तर दें
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