वार्ता:हेमचंद्राचार्य
आचार्य हेमचंद्रको नत मस्तक नमस्कार
संपादित करें- आचार्य हेमचंद्रको नत मस्तक नमस्कार कर मैं हर दीन लीखता रहुंगा।
- मुजे यह मौका मीला है वह मेरा सौभाग्य समजता हुं।
- मुजे पुरा वीश्र्वास है सफलता मीलेगी।
- Vkvora2001 ०७:१२, २२ जनवरी २००८ (UTC)
इस लेख का विकिकरण
संपादित करेंमैने इस लेख का यथायोग्य विकिकरण किया है। इसके लिये पाठ के अंशों को आगे-पीछे भी किया है। अब मुझे लगता है कि इसमे से विकिकरण करने का सन्देश हटा देना उचित रहेगा। यही सोचकर मैने इसे हटा भी दिया है। आशा है किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी।
अनुनाद सिंह १३:१५, २५ जनवरी २००८ (UTC)
Truth not defined. Say ekantvad.
संपादित करें[१६६/२१५] अत्यंत सात्विक आहार की उपादेयता बतलाकर अभक्ष्य भक्षण का निषेध किया गया है। यदि सत्य भी परपीडाकर हो, तो न बोलना चाहिये। कौशिक तापस के सच कहने से कई मनुष्यों की क्रुर हत्या हुई थी और उसे नरक मिला था। यह कथन मनु वचन सत्यं ब्रूयात प्रियं ब्रूयात, न ब्रूयात सत्यम प्रियम इस से बिलकुल मिलता जुलता है। इस प्रकर सत्य के विषयमें आचार्य जी मध्यम मार्ग ही बतलाते हैं। Vkvora2001 १८:४३, १३ फरवरी २००८ (UTC)
Dear Friends and wikipedia Members
संपादित करेंI have contributed in Hindi language Article on Jain Acharya Hemchandra on reference website, Hindi Wikipedia the free encyclopedia written by collaboratively by vollunteers from all around the world. I thanks to Shri PK Shah of jainlibrary.org for providing me Hindi pdf file free of charge on net and I have copied it in short. I request to friends and members to give your contribution for more informative and useful manner or correct mistakes in Article for reference on Acharya Hemchandra. भवदीय Vkvora2001 २०:५५, १३ फरवरी २००८ (UTC)