वार्ष्णेय

एक जाति (उपनाम)

वार्ष्णेय एक भारतीय उपनाम है।[1][2] इन्हें बारहसैनी भी कहते हैं।[3][4] ये पारंपरिक रूप से व्यापारी और समृद्ध जमींदार थे।[5] श्रीमद्भगवद्गीता में श्रीकृष्ण को वार्ष्णेय कहा गया है। ये श्री अक्रूर जी महाराज को अपना वंश-प्रवर्तक और आराध्य मानते हैं।[6]

इस जाति के प्रमुख व्यक्ति हैं:-

काल्पनिक पात्र
  • २०१२ के उपन्यास "द कृष्ण की" में अनिल वार्ष्णेय[7]
  • राहुल वार्ष्णेय और कली वार्ष्णेय २०१४ के चलचित्र "अग्ली" में

संदर्भ

  1. Bulbul Sharma (2013). Muslims in Indian Cities. HarperCollins Publishers India. पृ॰ 96. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5029-555-7.
  2. Sebastian Schwecke (2012). New Cultural Identitarian Political Movements in Developing Societies: The Bharatiya Janata Party. Routledge. पृ॰ 117. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-136-84657-1.
  3. Brass, Paul R. (2011). The Production of Hindu-Muslim Violence in Contemporary India. University of Washington Press. पृ॰ 55. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-295-80060-8.
  4. A Glossary of the Tribes and Castes of the Punjab and North-West, Volume 2 By H.A. Rose, p.61
  5. William Crook, Tribes and Castes of North Western Provinces and Oudh, Volume I, pages 177–8
  6. "धूमधाम से मनी श्री अक्रूर जी जयंती, बुजुर्गों को किया सम्मानित". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2022-03-18.
  7. Sanghi, Ashwin. The Krishna Key, chapter 46. Westland Publishers 2012.