वार्ष्णेय
एक जाति (उपनाम)
वार्ष्णेय एक भारतीय उपनाम है।[1][2] इन्हें बारहसैनी भी कहते हैं।[3][4] ये पारंपरिक रूप से व्यापारी और समृद्ध जमींदार थे।[5] श्रीमद्भगवद्गीता में श्रीकृष्ण को वार्ष्णेय कहा गया है। ये श्री अक्रूर जी महाराज को अपना वंश-प्रवर्तक और आराध्य मानते हैं।[6]
इस जाति के प्रमुख व्यक्ति हैं:-
- आशुतोष वार्ष्णेय, अमेरिकी सामाजिक वैज्ञानिक
- राजीव कुमार वार्ष्णेय, निदेशक, जीनोमिक्स में उत्कृष्टता का केंद्र (आई.सी.आर.आई.ए.टी)
- ईश्वर दास वार्ष्णेय (मृत्यु 1948), भारत में "काँच उद्योग के जनक"
- श्री माँगीलाल वार्ष्णेय हिंदू महासभा के वरिष्ठ नेता
- वाई. पी. वार्ष्णेय (जन्म 1932), भौतिक विज्ञानी
- उमेश वार्ष्णेय (जन्म 1957), अणुजैविक विज्ञानी
- लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय, साहित्येतिहासकार, प्राध्यापक
- अलका नूपुर वार्ष्णेय, पूर्व अभिनेत्री, कथक नर्तकी
- काल्पनिक पात्र
- २०१२ के उपन्यास "द कृष्ण की" में अनिल वार्ष्णेय[7]
- राहुल वार्ष्णेय और कली वार्ष्णेय २०१४ के चलचित्र "अग्ली" में
संदर्भ
- ↑ Bulbul Sharma (2013). Muslims in Indian Cities. HarperCollins Publishers India. पृ॰ 96. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5029-555-7.
- ↑ Sebastian Schwecke (2012). New Cultural Identitarian Political Movements in Developing Societies: The Bharatiya Janata Party. Routledge. पृ॰ 117. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-136-84657-1.
- ↑ Brass, Paul R. (2011). The Production of Hindu-Muslim Violence in Contemporary India. University of Washington Press. पृ॰ 55. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-295-80060-8.
- ↑ A Glossary of the Tribes and Castes of the Punjab and North-West, Volume 2 By H.A. Rose, p.61
- ↑ William Crook, Tribes and Castes of North Western Provinces and Oudh, Volume I, pages 177–8
- ↑ "धूमधाम से मनी श्री अक्रूर जी जयंती, बुजुर्गों को किया सम्मानित". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2022-03-18.
- ↑ Sanghi, Ashwin. The Krishna Key, chapter 46. Westland Publishers 2012.